मोदी फैक्टर को कमजोर करने के लिए कांग्रेस करवा रही प्रियंका का रोड शो

इंदौर. शहर में रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा के बाद अब सोमवार को कांग्रेस की स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी रोड शो करेंगी। मोदी फैक्टर से जूझ रही कांग्रेस ने रणनीति के तहत मोदी की सभा के ठीक बाद ये रोड शो प्लान किया है। नेताओं का मानना है कि इससे सभा के बाद बने माहौल को कमजोर किया जा सकेगा और रोड शो वाले रूट से जुड़ी तीन विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस को सीधा फायदा मिलेगा।

कांग्रेस का स्टार प्रचारकों को शुरुआती दौर में लाने के बजाय पूरा फोकस मतदान के अंतिम सात-आठ दिन पर है। दूसरा, हर बड़े नेता का कार्यक्रम मोदी और शाह के शेड्यूल को देखकर तय हो रहा है। तीसरा, सभा व रोड शो के साथ सीधे संवाद को तरजीह दी जा रही है, ताकि हर वर्ग का कांग्रेस से सीधा संपर्क हो। शहर कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष विनय बाकलीवाल के मुताबिक, टिकट घोषित करने से लेकर प्रचार, व्यापारियों से सीधा संवाद और अब मोदी फैक्टर को कमजोर करने के लिए प्रियंका का रोड शो, हम हर जगह आगे रहे।

राहुल के लिए थी कोशिशें, लेकिन समय नहीं मिला
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सभा और प्रियंका के रोड शो दोनों के लिए कोशिशें कर रहे थे। हालांकि एक धड़ा प्रियंका को लाने के लिए ज्यादा दबाव बना रहा था। पिछले दिनों गांधी परिवार के करीबी सैम पित्रोदा इंदौर आए तो फीडबैक यही मिला कि प्रियंका को लाने का फायदा पूरे मालवा-निमाड़ अंचल को मिलेगा। इसके लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने हाईकमान को चिट्‌ठी लिखी तो प्रियंका के करीबी स्वप्निल कोठारी ने अपने स्तर पर प्रयास किए। प्रदेश महामंत्री अरविंद बागड़ी और अन्य नेताओं ने रोड शो के लिए दिल्ली में आला नेताओं से बात की तो मंजूरी मिल गई। कांग्रेस इस बार उन गलतियों को करने से बची, जिसका उसका नुकसान होता आया है। यही वजह है कि जब सुमित्रा महाजन ने चुनाव लड़ने से इनकार किया तो उसने तुरंत पंकज संघवी का टिकट फाइनल कर दिया।

व्यापारियों पर फोकस, मिलने खुद पहुंचे तीनों मंत्री
कांग्रेस ने इस बार व्यापारी और उद्योगपतियों पर खासा फोकस किया। तीनों मंत्री सज्जनसिंह वर्मा, तुलसी सिलावट और जीतू पटवारी दवा बाजार, महारानी रोड, पोलोग्राउंड और छावनी मंडी पहुंचे और व्यापारियों से मिलकर उनकी समस्याएं जानी। जीएसटी को लेकर पार्टी बार-बार व्यापारी जगत को यह भरोसा दिला रही है कि उसकी सरकार बनी तो सबसे पहले विसंगतियां दूर की जाएंगी।

अब कमजोर बेल्ट दो और चार में लगा रहे ताकत
कांग्रेस नेताओं का मानना है कि ग्रामीण क्षेत्र की तीनों सीटों पर वह मजबूत है, क्योंकि हाल के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के विधायक जीते हैं। शहर की पांच सीटों में से दो और चार नंबर को कांग्रेस बड़ी चुनौती मान रही।

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