मोदी कैबिनेट से कई नेताओं का पत्ता साफ, इनकी थी उम्मीद पर नहीं मिली जगह

भोपाल. नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री रहे डॉ. वीरेंद्र खटीक को इस बार मंत्री नहीं बनाया गया। उनकी जगह बुंदेलखंड से प्रहलाद पटेल को मोदी टीम में जगह दी गई है। कमजोर परफॉर्मेंस के कारण खटीक को बाहर रखा गया है। वहीं, मध्यप्रदेश के कोटे राज्यसभा सदस्य एमजे अकबर को भी केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया। वे मोदी के पहले कार्यकाल में विदेश राज्यमंत्री थे, लेकिन मी-टू से विवादों में आने पर उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था।

अकबर नहीं बने मंत्री

पत्रकार से नेता बने एमजे अकबर को भी मोदी ने मंत्री नहीं बनाया। भाजपा ने अकबर को मध्यप्रदेश कोटे से राज्यसभा भेजा और विदेश राज्यमंत्री बनाया था। अकबर मंत्री के रूप में लंबी पारी नहीं खेल सके और वे मीटू की चपेट में आ गए। उन पर 20 महिला पत्रकारों ने मी-टू के तहत आरोप लगाए।

सबसे पहला आरोप लगाया पत्रकार प्रिया रमानी ने, जिन्होंने इंटरव्यू के दौरान होटल में बुलाने की दास्तान सुनाई। एक विदेशी महिला पत्रकार ने भी आरोप लगाया था। इन विवादों के कारण अकबर पर इस्तीफा देने का दबाव बढ़ गया। अक्टूबर 2018 में अकबर ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। यह पहला मौका था जब मोदी सरकार के किसी मंत्री का इस्तीफा विवादों में घिरने के कारण हुआ हो।

वीरेंद्र का पत्ता कटा

टीकमगढ़ सांसद वीरेंद्र खटीक कांग्रेस की किरण अहिरवार को हराकर सातवीं बार सांसद चुने गए हैं। पिछली सरकार में वे राज्यमंत्री थे। भाजपा का बड़ा दलित चेहरा होने के कारण पिछली बार उनको मंत्री बनाया गया था। खटीक की पहचान सादगी और स्कूटर वाले नेता के रूप में होती रही है। अब हालात बहुत बदल गए हैं। मोदी सरकार से लोगों की बड़ी उम्मीदों के कारण भाजपा का विजय रथ बिना रुके चलता गया। मोदी को ये उम्मीदें पूरी करनी हैं।

इस बार मोदी को दमदार और टास्क मास्टर की टीम चाहिए। खटीक के दोबारा मंत्री नहीं बनने के पीछे उनका कमजोर परफार्मेंस भी माना जा रहा है। खटीक अपने कार्यकाल में कोई बड़ा काम नहीं कर पाए। प्रदेश में दलित आंदोलन को भी शांत करने में कामयाब नहीं हुए। उनके मंत्री न बनाने के पीछे दूसरा बड़ा कारण बुंदेलखंड से ओबीसी नेता प्रहलाद पटेल को मौका मिलना रहा।

इनकी भी थी उम्मीद

प्रदेश अध्यक्ष और जबलपुर से चौथी बार के सांसद राकेश सिंह के मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होने की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन उनको मौका नहीं मिला। वहीं, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और खंडवा से वरिष्ठ सांसद नंदकुमार सिंह चौहान के भी मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होने की उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन उनको भी निराशा हाथ लगी।

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