
नेपाल में राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी ने पुष्प कमल दहल के नेतृत्व वाली मौजूदा सरकार से समर्थन वापस ले लिया है. इसके साथ ही सरकार से बाहर निकलने का फैसला किया. राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी ने इस बात कि जानकारी देते हुए बयान जारी किया. वहीं दूसरी ओर नेपाली कांग्रेस ने राष्ट्रपति चुनाव में वरिष्ठ नेता राम चंद्र पौडेल को मैदान में उतारने का फैसला किया. पौडेल को 8 दलों के नए गठबंधन का समर्थन हासिल होगा.
राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी की केंद्रीय कार्यकारी समिति और सांसदों की शनिवार (25 फरवरी) को एक संयुक्त बैठक में सरकार छोड़ने और आरपीपी के सभी मंत्रियों को मंत्रिमंडल से वापस बुलाने का फैसला लिया गया. इस फैसले के बाद आरपीपी ने भी सरकार और प्रांतीय सरकारों से अपना समर्थन वापस लेने का फैसला किया है.
राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के प्रवक्ता मोहन कुमार
राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के प्रवक्ता मोहन कुमार श्रेष्ठ ने बयान जारी करते हुए जानकारी दी की राजनीतिक समीकरण में अचानक बदलाव और सत्ताधारी सरकार के भीतर सहयोग को देखते हुए, राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी ने सरकार छोड़ने का फैसला किया है. पार्टी का मानना है कि हाल के बदलाव कभी न खत्म होने वाले अस्थिरता के स्पष्ट संकेत हैं और बदले हुए संदर्भ में पार्टी के लिए सत्ता में बने रहना गलत होगा. हमने सरकार को दिए गए समर्थन को वापस लेने का फैसला किया है और आज से सरकार को छोड़ दिया है.
उन्होंने कहा कि पार्टी प्रांतीय सरकारों के संदर्भ में भी यही विश्वास रखती है और इसलिए प्रांतीय सरकारों को दिए गए समर्थन को वापस लेने और प्रांतीय सरकारों से भी वापस लेने का निर्णय लिया गया है. वहीं पार्टी के मंत्री आज ही प्रधानमंत्री को अपना इस्तीफा सौंपने की तैयारी कर रहे हैं.
रबी लामिछाने खफा हो गए
RSP के नेता रबी लामिछाने ने हाल ही में अपनी नागरिकता हासिल कर ली थी. इसके बाद गठबंधन वाली सरकार ने फिर से रबी लामिछाने को गृह मंत्री बनाने से मना कर दिया था, जिसके बाद रबी लामिछाने खफा हो गए और अलग होने का फैसला ले लिया.
इसके बाद नेपाल के राजनीति में ‘केजरीवाल’ कहे जाने वाले लामिछाने ने पीएम मोदी से खास अपील की थी. उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी आपके नाम पर नेपाल में लोगों को लूटा जा रहा है, इसलिए एजेंटों के जरिए कूटनीति न करें.