
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पहले बच्चे को गोद लेने के लिए कोर्ट जाना होता था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशानुसार कानून में बदलाव किया गया है. जिला प्रशासन को बच्चों का दायित्व दिया.
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी रविवार को भोपाल में बाल संरक्षण, सुरक्षा और कल्याण के वत्सल कार्यक्रम में रवींद्र भवन में शामिल हुई. यहां पर केंद्रीय मंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित किया. साथ ही मीडिया के सवाल पर कहा टीएमसी और कांग्रेस के गठबंधन पर सवाल उठाते हुए सवाल किया कि पश्चिम बंगाल में लोगों को मौत के घाट उतारा जा रहा है. मौत का यह खेला राहुल गांधी को क्यों स्वीकार है.
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव में हिंसा पर कहा कि पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव में लोकतंत्र की हत्या होते हुए लोग स्वय देख रहे हैं. लोगों को मौत के घाट उतारा जा रहा है. उसी टीएमसी की पार्टी के साथ गांधी परिवार गठबंधन कर रहा है. मेरा गांधी परिवार से विशेष प्रश्न है? क्या उन्हें उनसे हाथ मिलाना मंजूर है, जो पश्चिम बंगाल में कहर मचा रहे हैं. मंत्री ने कहा कि लोगों को इसलिए मौत के घाट उतारा जा रहा है. क्योंकि वो वोट करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि मौत का यह खेला राहुल गांधी को क्यों स्वीकार है. यह प्रश्न उठता हैं.
स्मृति ईरानी ने कार्यक्रम को लेकर कहा कि बच्चों के उज्जवल भविष्य और सुरक्षा को लेकर जो विविध कार्यक्रम मिशन वात्सल्य के अंतर्गत चलते है. उनके अंतर्गत को प्रदेश के डिस्ट्रिक्ट चाइल्ड प्रोटेक्शन यूनिट, चाइल्ड वेलफेयर कमेटी और जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड और ग्रामीण अंचल में बच्चों का संरक्षण करते है, ऐसे विलेज प्रोटेक्शन कमेटी का तीन राज्यों से कार्यक्रम में शामिल हुई. उनका हमने अभिनंदन किया. क्योंकि उन्होंने प्रधानमंत्री ने पीएम केअर फण्ड से 4300 बच्चों का संरक्षण किया गया. उनकी शिक्षा दिलाने की जिम्मेदारी ली. 18 साल से कम उम्र की बच्चियों का पॉस्को की पीड़ित के तहत केस चल रहा है, उनका 23 साल की उम्र तक उनका संरक्षण, उनकी शिक्षा, प्रशिक्षण और प्रतिमाह चार हजार रुपए और उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी भारत सरकार ने ली है. बॉर्डर इलाकों में जहां बच्चों की तस्करी हो रही है. वहां यदि कोई नए इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने के लिए राज्यों से प्रस्ताव मंगाए गए है. ताकि बच्चों को संरक्षित कर सकें.
इससे पहले कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्मृति ईरानी ने कहा कि पहले बच्चे को गोद लेने के लिए कोर्ट जाना होता था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशानुसार कानून में बदलाव किया गया है. जिला प्रशासन को बच्चों का दायित्व दिया. इसके बाद से देशभर में 2250 बच्चों का अडॉप्शन हो चुका है. इसके अलावा बाल गृह में बड़ी उम्र के बच्चों के एडॉप्शन के लिए भी त्वरित कार्यवाही की जा रही है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश भर में चाइल्ड वेलफेयर के दफ्तर बनाने की जिम्मेदारी भारत सरकार खुद ले रही है. अब देश भर में 65 हजार बच्चों का संरक्षण भारत सरकार कर रही है. उन्होंने कहा कि अब चाइल्ड लाइन राज्य सरकारों के हाथों में सौंपी जाएगी. जिससे जल्द से जल्द मदद उपलब्ध करवाई जाएगी. यह बदलाव बहुत बड़ा है. अब बच्चों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा. सरकार अब बच्चों का संरक्षण कर रही है. यह भारत का अमृत काल है. मंत्री ने कहा कि प्रदेश की लाडली लक्ष्मी योजना पर खुशी जताई. उन्होंने कहा कि लाड़ली लक्ष्मी योजना में 45 लाख बेटियां शामिल है. यह मुझे आनंदित करता है.