
Jabalpur High Court: हेलमेट नहीं लगाने के कारण सड़क दुर्घटना में होने वाली मौत को चुनौती देते हुए जबलपुर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी. याचिका पर मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से कार्यवाही रिपोर्ट पेश की गई.
जबलपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने कहा, सड़क पर हेलमेट लगाए दो पहिया वाहन चालन नजर नहीं आते हैं. सरकार को छह महीने का समय प्रदान किया जाता है कि दो पहिया वाहनों के लिए हेलमेट तथा चार पहिया वाहनों में सीट बेल्ट अनिर्वाय रूप से लागू की जाए. आदेश का पालन नहीं होने पर आयुक्त परिवाहन विभाग तथा अतिरिक्त पुलिस महानिर्देशक के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही की जाएगी.
विधि छात्रा एश्वर्या शांडिल्य की तरफ से सड़क दुर्घटना में हुई दो व्यक्तियों की मौत का हवाला देते हुए ग्वालियर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी. चीफ जस्टिस के निर्देश पर याचिका सुनवाई के लिए मुख्यपीठ में स्थानांतरित की गई थी. याचिका में कहा गया था कि दुर्घटना के समय दो पहिया वाहन चालक हेलमेट लगाए होते तो उनकी मौत नहीं होती. अधिकांश सड़क दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से सिर में चोट आने के कारण दो पहिया वाहन सवारों की मौत होती है.
याचिका में कहा गया था कि सर्वोच्च तथा उच्च न्यायालय ने दो पहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट की अनिर्वायता के संबंध में आदेश जारी किए हैं. मोटर व्हीकल एक्ट में भी हेलमेट लगाकर वाहन चलाने का प्रावधान है, जिसका प्रदेश में पालन नहीं किया जाता है. हेलमेट की अनिर्वायता का सख्ती से पालन किया जाए, जो सड़क दुर्घटना में मौत के ग्राफ में कमी आएगी.
पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से चालानी कार्यवाही का डेटा पेश किया गया था, जिस पर युगलपीठ ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा था कि सड़कों पर हेलमेट लगाकर वाहन चलाते लोग नजर नहीं आते हैं. कागजी कार्यवाही नहीं, बल्कि मैदानी कार्यवाही दिखनी चाहिए. मोटर व्हीकल एक्ट का परिपालन सुनिश्चित तौर पर किया जाना चाहिए. युगलपीठ ने सरकार पर 25 हजार रुपये की कॉस्ट लगाई थी.
याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से बताया गया कि परिवहन आयुक्त ने वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने के संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं. इसके अलावा पुलिस मुख्यालय के एडीजीपी ने दो पहिए वाहन सवारों के लिए हेलमेट तथा चार पहिए वाहनों के लिए सीट बेल्ट लगाकर वाहन चलाने के संबंध में भी आदेश जारी किए हैं. इसके लिए दो महीने का विशेष चेकिंग अभियान चलाने के आदेश भी जारी किए हैं. युगलपीठ ने सुनवाई के बाद आदेश जारी किए. याचिका पर अगली सुनवाई 15 जनवरी को निर्धारित की गई है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता अवधेश सिंह तोमर ने पैरवी की.