
मध्यप्रदेश के 4 संभागों में भूकंप के झटके:जबलपुर में 3.9 तीव्रता रही, ग्वालियर में घरों से बाहर निकले लोग नेपाल में शुक्रवार रात 11.32 बजे रिक्टर स्केल पर 6.4 तीव्रता का भूकंप आया। इसका असर मध्य प्रदेश के चंबल, भोपाल, सागर और रीवा संभाग में कहीं-कहीं पड़ा है। यहां हल्के झटके महसूस किए गए।
भारत का पड़ोसी देश नेपाल एक बार फिर भूकंप की चपेट में हैं. शुक्रवार देर रात आए 6.4 तीव्रता वाले इस भूकंप के कारण कई इमारतें ढह गई हैं और तबाही का आलम.
भूकंप की चपेट में हैं. शुक्रवार देर रात आए 6.4 तीव्रता वाले इस भूकंप के कारण कई इमारतें ढह गई हैं और तबाही का आलम.नेपाल के राष्ट्रीय भूकंप मापन केंद्र के मुताबिक भूकंप का केंद्र नेपाल के जाजरकोट जिले के लामिडांडा इलाके में था नेपाल में शुक्रवार रात 11.32 बजे 6.4 तीव्रता का भूकंप आया। इसका असर मध्यप्रदेश के चंबल, भोपाल, सागर और रीवा संभाग में भी हुआ। यहां हल्के झटके महसूस किए गए। ये हलचल कुछ सेकंड के लिए ही थी।
मौसम केंद्र भोपाल के फोरकास्ट इंचार्ज वेद प्रकाश सिंह ने
4.3 तीव्रता का भूकंप
मौसम और भूकम्प से जुड़ी कई वेबसाइट्स ने सुबह 8.43 बजे जबलपुर में 4.3 तीव्रता का एक भूकंप रिकॉर्ड किया है.इसका एपिसेंटर नर्मदा के किनारे बरगी डेम के समीप बताया जा रहा है. जबलपुर के अलावा मंडला डिंडोरी,सिवनी,बालाघाट और उमरिया जिले में भी लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक भूकम्प का कंपन 5 से 10 सेकेंड रहा.
इस दौरान कांच की खिड़कियां हिलने लगीं. भूगर्भीय आवाजें भी आने का दावा किया जा रहा है. जबलपुर के विजय नगर इलाके में रहने वाले आनंद बारी बताते हैं कि दहशत में आस-पड़ोस के सभी लोग घर से बाहर निकल आए थे. रांझी इलाके के सेंट जेवियर स्कूल में टीचरों ने भूकंप आते ही बच्चों को क्लास रूम से बाहर निकाल कर मैदान में सुरक्षित खड़ा कर दिया.
1997 के भूकंप में 41 की हुई थी मौत
25 साल पहले जबलपुर में एक भयानक भूकंप आया था. 22 मई, 1997 को जबलपुर में आए भूकंप ने पूरे इलाके में तबाही मचा दी थी. उसमें 41 लोगों की जान गई थी और लाखों की आबादी प्रभावित हुई थी. भूकंप के लिहाज से संवेदनशील मानें जाने वाले जबलपुर में उसके बाद भी दो-तीन झटके आ चुके हैं. लेकिन लोग आज भी 1997 की उस सुबह को याद कर सिहर उठते हैं.उसका भी एपिसेंटर नर्मदा नदी के पास कोसमघाट में था.
मध्यप्रदेश के जबलपुर में आज सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप के कारण लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। बता दें कि घटना के बाद इलाके में दहशत का माहौल बन गया। जानकारी के मुताबिक, भूकंप की तीव्रता 4.3 सेकेंड थी। भूकंप के झटके सबसे ज्यादा पाटन, मेडिकल, रांझी और रानी दुर्गावती समाधि स्थल के पास महसूस किए गए। जबलपुर निवासी राजू पटेल ने बताया कि वह अपने घर पर सो रहे थे। तभी अचानक उन्हें बेड हिलने का एहसास हुआ, वह घर से तुरंत बाहर आ गए तो देखा कि बहुत से लोग अपने अपने घरों के बाहर खड़े हुए हैं। बताया जा रहा हैं भूकंप करीब 8:44 पर आया था। बता दें कि पूरे प्रदेश में 3.9 तीव्रता का हल्का-मध्यम भूकंप दर्ज हुआ है, जिसका हाइपोसेंटर 10 किमी गहराई पर था। जिससे डिंडोरी, जबलपुर, मंडला, अनूपपुर, बालाघाट, उमरिया जिले प्रभावित हुए हैं।
हालांकि, भूकंप की तीव्रता बहुत कम थी जिसके कारण बहुत कम लोंगों को इसका एहसास हुआ। भूकंप का केंद्र बिंदु जबलपुर से करीब 30 किलोमीटर दूर डिंडोरी तरफ बताया जा रहा हैं। बताया जा रहा हैं कि जबलपुर में 4.3 तीव्रता का एक भूकंप आया। भारत के मध्य प्रदेश में 4.3 तीव्रता का मध्यम तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया था। भूकंप डिंडोरी के आसपास केंद्र बिंदू बताया जा रहा हैं। वहीं, घटना के बीतने के कुछ मिनटों बाद ही लोग सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी शेयर करने लगे। बता दें कि लोगों ने सिवनी क्षेत्र में आए भूकंप की खबर को सोशल मीडिया जैसे- फेसबुक, वॉट्सऐप में पोस्ट की है।