
पत्रकारों से चर्चा के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman ने कहा कि यह कहना गलत है कि महंगाई बहुत है, हां यह सच है कि महंगाई को कुछ कम किया जा सकता है।
भाजपा हमेशा से पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाना चाहती है. कांग्रेस खुद इसके विरोध में है. इसी वजह से यह महंगे हैं. जीएसटी के दायरे में आने के बाद पेट्रोल और डीजल सस्ते हो जाएंगे. यह बात केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन Nirmala Sitharaman ने इंदौर के अभय प्रशाल में पत्रकारों से चर्चा के दौरान कही. उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल के जीएसटी के दायरे से बाहर रहने का मुख्य कारण कांग्रेस है. आपको कांग्रेस से सवाल पूछना चाहिए कि कांग्रेस शासित प्रदेशों के सीएम और प्रियंका वाड्रा कभी भी जीएसटी काउंसिल में आकर इस मुद्दे को क्यों नहीं उठाते. इस मामले में उन्होंने प्रियंका गांधी को भी घेरा. उन्होंने कहा कि प्रियंका सिर्फ लेक्चर देना जानती हैं लेकिन कभी कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कुछ नहीं कहती. उन्होंने महंगाई पर कहा कि यह सही है कि महंगाई कुछ और कम की जा सकती है लेकिन यह कहना गलत है कि बहुत महंगाई है.
सीतारमण ने कहा कि टमाटर और प्याज की फसल कुछ जगह खराब हुई और कुछ जगह इनकी पैदावार कम हुई. इससे आवक घटी और रेट बढ़ गए. उन्होंने कहा कि टमाटर और प्याज के महंगे होने के पीछे महंगाई कारण नहीं है, उत्पादन में कमी की वजह से यह महंगे हुए हैं.
भाजपा ही इसके लिए कानून लाई
सीतारमण ने कहा कि पेट्रोल और डीजल के जीएसटी में आने पर सबसे अधिक फायदा जनता को ही होगा. कांग्रेस पार्टी खुद यह नहीं चाहती इसीलिए जनता के बीच कहते हैं कि भाजपा इसे रोक रही है और जीएसटी काउंसिल में कुछ और बात करते हैं. जहां उनकी सरकार है वहां के मुख्यमंत्री ही जीएसटी काउंसिल में यह बात नहीं रख रहे हैं. सीतारमण ने कहा कि अरुण जेटली जब वित्त मंत्री थे तब पेट्रोल-डीजल पर जीएसटी को लेकर कानून ले लाए थे. अब इसमें एक ही बाकी विषय है कि जीएसटी काउंसिल के जरिए इसका रेट फिक्स कर दो. इसे 5 पर्सेंट, 12 पर्सेंट या 18 पर्सेंट कितना रखना है यह सबको मिलकर ही तय करना पड़ेगा. रेट फिक्स होते ही देश में लागू कर देंगे. भाजपा सरकार तो पेट्रोल और डीजल को जीएसटी में लाने के पक्ष में है लेकिन कांग्रेस ही इसे रोक रही है.