मध्यप्रदेश में 17 नवंबर को कुल 230 विधानसभा सीटों के लिए मतदान हुआ था और रविवार को तीन अन्य राज्यों छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना के साथ नतीजे घोषित किए गए. कांग्रेस की हार के बाद रविवार को मीडिया से बात करते हुए कमलनाथ ने कहा था कि हम मध्यप्रदेश के मतदाताओं के जनादेश को स्वीकार करते हैं. हम विपक्ष की भूमिका निभाएंगे. साथ ही कमलनाथ ने भाजपा को बड़ी जीत के लिए बधाई दी और उम्मीद जताई कि भाजपा राज्य की जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करेगी.
एमपी विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपा ने 163 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत हासिल किया, जबकि कांग्रेस 66 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही. वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 114 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, जबकि भाजपा 109 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही थी. इसके बाद कमलनाथ ने राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. लेकिन पार्टी के भीतर बगावत के कारण 15 महीने में ही उनकी सरकार गिर गई थी.
विधायक और पदाधिकारियों के साथ चुनाव नतीजों पर किया मंथन
बता दें, कमलनाथ ने मंगलवार को दिन में भोपाल स्थित मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों और पदाधिकारियों के साथ चुनाव नतीजों पर समीक्षा बैठक की. उन्होंने एक पोस्ट में कहा, प्रत्याशियों और विधायकों ने जो प्राथमिक रिपोर्ट दी है, उस पर गंभीरता से चिंतन करने की आवश्यकता है और शीघ्र ही सभी प्रत्याशी विस्तृत रिपोर्ट मुझे देंगे. हम इस हार से सबक ले रहे हैं, कमियों को दूर कर रहे हैं और लोकसभा चुनाव की तैयारी में आज से ही जुट रहे हैं. कोई भी पराजय हौसले को नहीं हरा सकती.
ईवीएम का रोना बंद कर भाजपा के माइक्रो मैनेजमेंट को समझना होगा
बैठक में कांग्रेस के नवनिर्वाचित विधायकों ने संगठन के पदाधिकारियों को नसीहत देते हुए कहा, ईवीएम का रोना बंद कर हमें भाजपा के माइक्रो मैनेजमेंट काे समझना होगा. प्रदेश कार्यालय में मंगलवार को कमलनाथ की मौजूदगी में कांग्रेस की समीक्षा बैठक हुई. बुरहानपुर से चुनाव हारने वाले सुरेंद्र सिंह शेरा और मनावर से विधायक बने डॉ. हीरालाल अलावा ने पार्टी की कमियां निकालीं. बैठक में सर्वे को लेकर भी सवाल खड़े किए गए. इसके साथ कई प्रत्याशियों को चुनाव के दौरान प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) से मदद नहीं मिलने का आरोप भी लगाया. एक प्रत्याशी ने प्रचार में बड़े नेताओं का साथ नहीं मिलने की बात भी कही.
नुकसान पहुंचाने वालों को हटाएं
सुरेंद्र सिंह उर्फ शेरा भैया ने दो टूक कहा कि नुकसान पहुंचाने वालों को पहली फुर्सत में हटाया जाए. फिर चाहे कोई भी किसी का कितना अजीज क्यों न हो. उन्होंने कहा कि जिसने भी पार्टी को हराया है या जिस पदाधिकारी के बूथ पर हम हारे हैं, उसे तत्काल पार्टी से हटा दिया जाए. शेरा के इतना कहते ही मीटिंग हाल में तालियां बज गईं. उन्होंने कहा कि मैं कुछ नहीं कहना चाहता, लेकिन मेरा इतना निवेदन है, पार्टी इस पर तुरंत एक्शन ले.