अंकुर यादव अब सिर्फ नाम नहीं..एक प्रेरक व्यक्तित्व का सशक्त हस्ताक्षर है,जानिए कौन है यह शख्स!

 

अंकुर यादव अब सिर्फ नाम नहीं..एक प्रेरक व्यक्तित्व का सशक्त हस्ताक्षर है,जानिए कौन है यह शख्स

कहते हैं..प्रेरक व्यक्त्वि का निर्माण किया नहीं जाता बल्कि खुद से ही व्यक्ति प्रेरणा का स्रोत बन जाता है..और इसका सबसे अच्छा तरीका है, खुद के असली व्यक्तित्व को निखारना..न कि किसी और की नकल उतारना..आज हम बात करेंगे बुंदेलखंड के ऐसे एक बहु प्रतिभाशाली युवा की..जो एक योग्य पत्रकार तो हैं ही..साथ ही श्रेष्ठ वक्ता,लेखक,थियेटर कलाकार और कुशल मंच संचालक के रूप में राष्ट्रीय नहीं बल्कि अंतराष्ट्रीय स्तर पर खूब ख्याति बटोर रहे हैं..बात हो रही है..आप सोच रहे होंगे कि ये कौन युवा है जिसकी तरीफ में इतने कसीदे पढ़े जा रहे हैं..जब आप इनके बारे में जानेंगे तो शायद आप भी वाह कहना नहीं भूलेंगे..तो चलिए जानते हैं कौन हैं छतरपुर के ये युवा पत्रकार अंकुर यादव..


बागेश्वर धाम का नाम तो आपने सुना ही होगा..बुंदेलखंड के छतरपुर में स्थित है..जहां हाल ही में बागेश्वर महोत्सव का आयोजन हुआ और देश की महामहिम यानि राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु और देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे..दोनों की मौजूदगी में मंच के संचालन की सुरीली आवाज सुनकर किसी ने मुझसे अनायास ही पूंछा ये आवाज किसकी है..मैंने बड़ी गर्मजोशी से बोला अपने अंकुर यादव की..मेरे बोलने के पीछे छिपे हर्ष,गर्व की अनुभूति शायद यहां न लिख पाउं..लेकिन बागेश्वर धाम पर आयोजित हुए विराट बुन्देलखण्ड महा महोत्सव और 251 बेटियों के विवाह महोत्सव का मंच संचालित करते देख मैं गौरवान्वित हुआ..जिस मंच पर सप्ताह भर के भीतर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपती मुर्मु,क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग,बॉलीवुड अभिनेत्री उर्वशी रौतेला शामिल हुईं वो मंच संचालित करने वाले अंकुर यादव ही थे..


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यक्रम हो,या फिर देश की महामहिम का मंच..मंच को सम्भाल रहे थे बुन्देलखण्ड के जाने माने पत्रकार और मंच उद्घोषक अंकुर यादव..अंकुर मूल रूप से बुन्देलखण्ड के छतरपुर जिले से आते हैं जिसे महाप्रतापी राजा छत्रसाल की नगरी के रूप में जाना जाता है..अब यहां भी इनकी तारीफ होगी क्योंकि महाप्रतापी राजा छत्रसाल के प्रख्यात नाटक के ये महाराजा छत्रसाल जो हैं..और अंकुर ने महाप्रतापी छत्रसाल की भूमिका बखूबी निभाई..पत्रकारिता के क्षेत्र में लगभग 20 वर्षों से कार्यरत अंकुर यादव बुन्देलखण्ड के समसामयिक विषयों पर अपनी लेखनी के लिए भी जाने जाते हैं..अनेक प्रादेशिक समाचार पत्रों में सेवाएं देते हुए कई टीवी चैनलों में भी काम किया..वर्तमान में वे मप्र के बड़े डिजिटल न्यूज़ चैनल पेप्टेक टाइम के संपादक हैं..पिछले अनेक वर्षों से टीवी,अकाशवाणी रेडियो और पत्र पत्रिकाओं में सेवाएं देने के साथ साथ उन्होंने थियेटर में भी अपनी विलक्षण पहचान बनाई..क्योंकि बुन्देलखण्ड के प्रख्यात नाटक ‘महाबली छत्रसाल में महाराजा छत्रसाल का केंद्रीय किरदार निभाकर इसे देश के अनेक शहरों में प्रस्तुत किया है..

केवल राष्ट्रीय नहीं बल्कि अंतराष्ट्रीय स्तर के मंचों के संचालन का भी अंकुर को अच्छा अनुभव प्राप्त है..वे अंतरास्ट्रीय कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के मंचों का कुशल संचालन करते रहे हैं..उन्होंने न्यूजीलेंड,दुबई,फिजी जैसे देशों में आयोजित कार्यक्रमों का संचालन किया..उन्हें एक योग्य पत्रकार, वक्ता,लेखक,थियेटर कलाकार और कुशल मंच संचालक के रूप में ख्याति प्राप्त है..और ये ख्याति यूं ही अंकुर को नहीं मिली..इसके पीछे अथक मेहनत,अध्ययन,लेखन के साथ हर वक्त कुछ सीखने की ललक ने इस आम घर के युवा को इस खास मुकाम तक पहुंचाया..और अंकुर यादव अपनी इस विलक्षण प्रतिभा को और निखारने में जुटे हैं..

…चलिए चलते चलते अंकुर यादव के लिए किसी शायर का एक शेर जरूर लिखते चलें..

“दीवारों पर दस्तक देते रहिएगा,
दीवारों में दरवाज़े बन जाएंगे”

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