
महेंद्र विश्वकर्मा
तीन दिन मप्र के सीएम डॉ मोहन यादव और उनकी सरकार दिल्ली में डेरा डालेगी..अवसर भी खास और बेहद ऐतिहासिक है..दरअसल मध्यप्रदेश शासन और महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ देश की राजधानी दिल्ली में सम्राट विक्रमादित्य महानाट्य का भव्य और दिव्य मंचन करने जा रही है..ऐतिहासिक लाल किले पर 12 से 14 अप्रैल तक होने वाले इस महानाट्य मंचन से विक्रमादित्य के जन्म से लेकर सम्राट बनने तक की जीवंत गाथा प्रस्तुत की जाएगी..इस अनुकरणीय पहल में मप्र के सीएम डॉ मोहन यादव के विशेष प्रयास भी समाहित हैं..और उनके इस प्रयास के पीछे छिपे उनके ही कुछ यादगार और विलक्षण पल भी इसमें निहित हैं..तो आखिर इस शौर्यगाथा को महानाट्य के माध्यम से पुर्नजीवित करने में सीएम डॉ मोहन यादव की खास रूचि के पीछे क्या है रहस्य पढ़िए हमारी इस बेहद खास रिपोर्ट में.
अपनी विरासत,संस्कृति को संजोकर लगातार मप्र के विकास में नए नए कीर्तिमान गढ़ने वाले उच्चशिक्षित राजनेताओं में शुमार सीएम डॉ मोहन यादव की सरकार दिल्ली के लालकिले से सम्राट विक्रमादित्य की गौरवशाली,प्रेरक,अनुकरणीय शौर्यगाथा को महानाट्य के माध्यम से पुर्नजीवित करने जा रही है..दरअसल मध्यप्रदेश शासन और महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ का ये सम्राट विक्रमादित्य महानाट्य मंचन भव्यता और दिव्यता के साथ किया जा रहा है..राजधानी दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले पर 12 से 14 अप्रैल तक होने वाले इस बेहद खास आयोजन में विक्रमादित्य के जन्म से लेकर सम्राट बनने तक की जीवंत गाथा प्रस्तुत की जाएगी..कार्यक्रम की शुरूआत देश के उप राष्ट्रपति जगदीप धनकड़ करेंगे तो पूरी मप्र सरकार की मौजूदगी भी वहां रहेगी..इस महानाट्य के माध्यम से विक्रम संवत के प्रवर्तक सम्राट विक्रमादित्य के जीवन चरित्र, उनके पराक्रम, शौर्य,दानशीलता,न्यायप्रियता और सुशासन का अविस्मरणीय पहलु जन-जन तक पहुंचेगा..डॉ. मोहन यादव स्वयं कई बार कह चुके कि सम्राट विक्रमादित्य केवल इतिहास के पात्र नहीं हैं, वे भारतीय मानस के आदर्श पुरुष हैं..जब लाल किले की प्राचीर पर विक्रमादित्य की गाथा गूंजेगी,तब यह केवल उज्जैन या मध्यप्रदेश का महज एक नाट्य मंचन नहीं होगा..बल्कि यह पूरे भारत में सांस्कृतिक चेतना की लौ जलाने वाला विलक्षण आयोजन साबित होगा..तो वहीं राष्ट्रीय गौरव और सांस्कृतिक धरोहर को पुनर्स्थापित कर सांस्कृतिक उत्थान का नया आयाम भी स्थापित करेगा..शुक्रवार को महानाट्य मंचन से पहले एक भव्य शोभायात्रा भी निकाली गई..जिसमें खुद दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता शामिल हुईं थीं..और उन्होंने इस आयोजन को लेकर अपनी खुशी भी जाहिर की थी..
बहुत कम लोग इस बात को जानते होंगे कि आदर्श जीवन,अद्भुत साहस,अतुलनीय पराक्रम को संजोने वाले विक्रमादित्य महानाट्य से मप्र के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव का गहरा नाता भी है..लगभग एक दशक पहले तक खुद मुख्यमंत्री रंगकर्म और नाट्य विधा से जुड़े रहे..और उन्होंने कई वर्षों तक विक्रमादित्य महानाट्य में सम्राट के पिता महेन्द्रादित्य की महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाई..और अपने अभिनय कौशल से दर्शकों को मंत्रमुग्ध भी किया…इस महानाट्य में सीएम महाराजा के रुप में विक्रमादित्य का राज्याभिषेक करते रहे हैं..डॉ मोहन यादव का अपने देश की सभ्यता,संस्कृति और इतिहास के प्रति सदैव विशेष लगाव रहा,उन्होंने मंच पर अभिनय के दौरान जो इतिहास जिया संभवतया वे उसी इतिहास की प्रेरणा को भावी पीढ़ी तक पहुंचा रहे हैं…क्योंकि सीएम का मानना है कि संस्कृति केवल स्मृति नहीं बल्कि जीवंत ऊर्जा है..नेतृत्व वो होता है जो अतीत से सीखता है,और वर्तमान को दिशा देता है..इसीलिए खुद सीएम ने इस महानाट्य मंचन को लेकर दिल्ली में प्रेसवार्ता कर जानकारी दी थी..और सबको आमंत्रण भी..कुल मिलाकर मप्र के इस अनूठे,भव्य और दिव्य कार्यक्रम को देशभर में विभिन्न प्लेटफार्म के माध्यम से प्रसारित किया जाएगा तो इसमें देश की नामचीन हास्तियां भी शामिल होंगी…
खास बातें
सम्राट विक्रमादित्य महानाट्य का मंचन
उप राष्ट्रपति करेंगे विक्रमोत्सव की शुरूआत
तीन दिवसीय विक्रमोत्सव का करेंगे शुभारंभ
दिल्ली के लाल किले से होगा कार्यक्रम का आगाज
महानाट्य सम्राट विक्रमादित्य का होगा मंचन
सम्राट विक्रमादित्य की गौरव गाथा का यशोगान
सीएम डॉ.यादव,दिल्ली की सीएम होंगी शामिल
इतिहास,विरासत,संस्कृति,परंपरा होगी जीवंत
सीएम का इस महानाट्य से है खासा लगाव
12 से 14 अप्रैल तक महानाट्य का मंचन