
मंदसौर,एएनआइ। मध्य प्रदेश में भाजपा की एक मंत्री को रामायण के लेखक महर्षि वाल्मिकी पर टिप्पणी करना महंगा पड़ गया। सभा के दौरान ही हंगामा हो गया और मंत्री को सभा से माफी मांगनी पड़ी, लेकिन मामला यहां शांत नहीं हुआ। दरअसल मध्यप्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनीस मंगलवार को अखिल भारतीय वाल्मीकि समुदाय सम्मेलन में भाग लेने के लिए आई थीं। यहां उन्होंने महर्षि वाल्मिकी को डाकू कह कर संबोधित किया, जिससे वहां मौजूद वाल्मीकि समुदाय के लोग नाराज हो गए।
चिटनीस के भाषण खत्म होने के बाद वाल्मीकि समुदाय के कुछ सदस्यों उनका विरोध किया। लोगों का कहना था कि महान ऋषि को डाकू कह कर चिटनीस ने उनका अपमान किया है। हालांकि चिटनीस ने तुरंत मंच पर माफी मांगी। उन्होंने कहा कि उनकी बातों को गलत समझा जा रहा है। बाद में पत्रकारों से बात करते हुए, चिटनीस ने कहा, ‘मैं केवल ब्रिटिश शासन के तहत लिखा गए इतिहास को ठीक करने की बात कर रही थी। अगर कोई मेरे शब्दों से आहत हुआ है तो मैं उससे दिल से माफी मांगती हुं।’
अर्चना चिटनीस के माफी मांगने के बाद भी लोगों का गुस्सा शांत नहीं हुआ है। उनके द्वारा महर्षि वाल्मीकि पर की गई अशोभनीय टिप्पणी के विरोध में उनके अनुयायियों व कांग्रेसियों ने भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जुलूस निकालकर मंत्री का पुतला दहन किया। प्रदर्शनकारियों ने सदर स्थित कजलीवन मैदान से जुलूस निकाला जो सदर बाजार, शास्त्री चौक से होता हुआ कबूला पुल से केण्ट अस्पताल होकर वापस झांसी बस स्टेण्ड पहुंचा। यहां कांग्रेसियों ने भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और मंत्री अर्चना चिटनीस का पुतला जलाकर उन्हें बर्खास्त करने की मांग की।
प्रदर्शनकारियों ने मांग की है कि भाजपा मंत्री द्वारा की गई अशोभनीय टिप्पणी महर्षि वाल्मीकि जी का ही नहीं समूचे सनातन धर्म का अपमान है। आरएसएस और भाजपा में अगर जरा सी भी नैतिकता बची हो तो मंत्री को तत्काल मंत्री मण्डल से बर्खास्त करें। यदि मंत्री का इस्तीफा नहीं लिया गया तो कांग्रेस पार्टी संत महात्माओं और महापुरूषों के सम्मान में प्रदेश में विरोध प्रदर्शन, पुतले दहन को बाध्य होगी।