
इंदौर। महिला की जांच के बाद डॉक्टर ने सामान्य प्रसव की बात कही, फिर गंभीर हालत बताते हुए ऑपरेशन करने को कहा। ऑपरेशन से हुई डिलिवरी के बाद दर्द बढ़ा तो दोबारा ऑपरेशन को कहा और केस नहीं संभला तो दूसरे अस्पताल रेफर कर दिया। वहां ऑपरेशन कर पेट से कॉटन पैड निकाला गया।
महिला के परिजन ने उन्हें कॉटन पैड रखे जाने की जानकारी नहीं देने का आरोप लगाते हुए इसकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन और डीआईजी से की है। खजराना निवासी आबिद खान ने बताया कि उनकी पत्नी तबस्सुम को 10 फरवरी को एलआईजी चौराहा स्थित लाइफ लाइन अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
वहां डॉ. अर्पणा जैन ने सामान्य प्रसव की बात कहकर 15 हजार रुपए जमा कराए। दोपहर में पत्नी की हालत गंभीर बताते हुए ऑपरेशन की बात कही। आधा घंटे बाद बेटी होने की सूचना दी गई और दोनों को स्वस्थ बताया। एक घंटे बाद पत्नी को पेटदर्द होने पर डॉक्टर ने फिर ऑपरेशन का कहा, लेकिन इसका कारण नहीं बताया। साथ ही 10 हजार रुपए भी जमा कराए। ऑपरेशन के बाद दूसरे अस्पताल रेफर कर दिया।
खून अधिक बहने से खराब हुई हालत
आबिद के मुताबिक वे पत्नी को सुयश अस्पताल लाए। यहां ऑपरेशन कर कुछ कॉटन पैड निकाले गए। आबिद का कहना था अस्पताल प्रबंधन ने 25 हजार रुपए जमा कराए, लेकिन बिल पांच हजार रुपए का दिया। वहीं डिस्चार्ज के कागज भी नहीं दिए गए।
बेहतर इलाज मिले, इसलिए भेजा
– इलाज में कोई लापरवाही नहीं हुई। बच्चेदानी के सिकुड़ने से मरीज को परेशानी हुई थी। बेहतर इलाज मिल सके, इसीलिए मरीज को अन्य अस्पताल भेजा गया। – डॉ. अर्पणा जैन, लाइफ लाइन अस्पताल
48 घंटे में निकाला जाता है कॉटन
महिला को गंभीर हालत में सुयश अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रक्तस्राव अधिक होने से यह परेशानी हुई। कॉटन पैड रक्तस्राव रोकने के लिए लगाया जाता है, जिसे 48 घंटे के बाद निकाला जाता है। – डॉ. जेके रामचंदानी, सुयश अस्पताल
परिजन को दी थी जानकारी
परिजन ने सिर्फ पांच हजार रुपए जमा किए थे। बाकी दवाइयों का खर्च शामिल था। कॉटन पैड ब्लड रोकने के लिए रखा जाता है। 48 घंटे बाद इसे निकाला जाता है, यह प्रक्रिया में है। इसकी जानकारी परिजन को भी दी थी। मरीज स्वस्थ है, फिर भी आरोप लगा रहे हैं। – असलम चारा, संचालक, लाइफ लाइन अस्पताल
परिजन को देना चाहिए जानकारी
– ऑपरेशन के बाद रक्तस्राव रोकने के लिए कॉटन पैड रखना प्रक्रिया में है। इसकी जानकारी परिजन को नहीं दी है तो यह गलती है। – डॉ. अविनाश पटवारी, रेसीडेंट सर्जिकल ऑफिसर, प्रसूति विभाग (एमवाय अस्पताल)