मंत्रालय के गलियारे में फाइल लेकर दौड़ते नहीं दिखेंगे बाबू-चपरासी

भोपाल। आगामी मार्च से मंत्रालय के गलियारे में बाबू-चपरासी फाइल लेकर दौड़ते नहीं दिखेंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रशिक्षण लेते ही मंत्रालय में ई-ऑफिस व्यवस्था लागू हो जाएगी। मंत्रियों को बंगले पर फाइल भेजने के लिए उनके विशेष सहायकों को ई-ऑफिस व्यवस्था से जोड़ा जाएगा। सामान्य प्रशासन विभाग को इस व्यवस्था को लागू करने की मंजूरी कैबिनेट दे चुकी है।

सूत्रों के मुताबिक ई-ऑफिस व्यवस्था को लेकर मुख्य सचिव से लेकर सहायक ग्रेड तीन तक के कर्मचारी प्रशिक्षण ले चुके हैं। बुधवार को कुछ अपर मुख्य सचिव और सचिवों को प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान अपर मुख्य सचिव राधेश्याम जुलानिया और रजनीश वैश ने विभागाध्यक्ष कार्यालयों को भी व्यवस्था से जोड़ने की बात उठाई।

अधिकारियों ने बताया कि ई-ऑफिस व्यवस्था लागू होने के बाद ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर की ओर फाइलें ई-ऑफिस सॉफ्टवेयर यानी कम्प्यूटर पर ही चलेंगी। अभी फाइल को एक टेबल से दूसरी टेबल या तो संबंधित शाखा का कर्मचारी लेकर जाता है या चपरासी (भृत्य) के हाथों भिजवाई जाती है।

यह व्यवस्था ई-ऑफिस सिस्टम लागू होने के बाद बंद हो जाएगी। मंत्रियों के अनुमोदन या अभिमत के लिए फाइल मंत्री निवास पर स्थित कार्यालय में बैठने वाले विशेष सहायकों को भेजी जाएगी। इसके लिए इन्हें ई-ऑफिस सिस्टम से जोड़ा जाएगा।

सबकी टेबल पर कम्प्यूटर

ई-ऑफिस व्यवस्था के लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने मुख्य सचिव से लेकर सहायक ग्रेड तीन स्तर के कर्मचारियों को कम्प्यूटर दिए हैं। मंत्रालय में अब तकरीबन हर टेबल पर कम्प्यूटर हैं। फाइलों को स्कैन करने के लिए उच्च क्षमता के स्कैनर दिए गए हैं तो नई फाइलें कम्प्यूटर पर बनेंगी और चलेंगी। पुरानी फाइलों के जिन कागजों की जरूरत होगी, उन्हें स्कैन करके नोटशीट के साथ लगा दिया जाएगा।

फाइल आगे बढ़ी मतलब सहमति

सूत्रों का कहना है कि ई-ऑफिस व्यवस्था में फाइल के आगे बढ़ने को संबंधित की सहमति माना जाएगा। जहां हस्ताक्षर की जरूरत होगी, उसके लिए डिजिटल सिग्नेचर के अधिकार दिए जाएंगे। इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग परिपत्र जारी करेगा। साथ ही मंत्रालयीन कार्य संचालन नियम में भी संशोधन किए जाएंगे। इसका खाका खींचा जा चुका है।

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