कर्नाटक में कांग्रेस क्यों करेगी वापसी, वीरप्पा मोइली ने गिनाए कारण, आप भी जानें

कर्नाटक में कांग्रेस के खिलाफ कोई सत्ता विरोधी लहर नहीं है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री एम. वीरप्पा मोइली ने शनिवार (31 मार्च) को यह बात कही। मोइली ने बेंगलुरु में आयोजित इंडिया टूडे कॉन्क्लेव में कहा, “कांग्रेस आगामी चुनाव में किसी विरोधी लहर का सामना नहीं करेगी क्योंकि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने राज्य में क्षेत्रीय गौरव को प्रेरित किया है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि सिद्धारमैया ने राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक स्थिरता के साथ पांच साल तक राज्य का नेतृत्व किया है।

मोइली ने दोहराया कि उनके (सिद्धारमैया) एक अलग ध्वज के माध्यम से राज्य को दूसरे दक्षिणी राज्यों से एक अलग पहचान दिलाने के फैसले ने क्षेत्रीय गौरव को प्रेरित किया है। हालांकि ध्वज को अभी केंद्रीय गृह मंत्रालय से मंजूरी का इंतजार है। राज्य के चिकबल्लपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद मोइली ने कहा, “सभी लोकप्रिय कार्यक्रमों के साथ भी राज्य के वित्त ने कभी भी राजकोषीय जिम्मेदारियों को नहीं लांघा और जो कार्यक्रम घोषित किए गए उसे क्रियान्वित किया गया।”

कांग्रेस नेता ने कहा कि सत्ता विरोधी लहर तब होती है, जब कल्याणकारी कार्यक्रमों की घोषणा तो की जाती है, लेकिन उन्हें लागू नहीं किया जाता। मोइली ने कहा कि राज्य सरकार ने 19 मार्च को लिंगायत और वीरशैव लिंगायत को एक अलग धर्म के रूप में मान्यता देने का फैसला किया है। ये दोनों ही 12वीं सदी के समाज सुधारक बसवा के सिद्धांतों का पालन करते हैं। उन्होंने कहा, “बसवा एक महान क्रांतिकारी थे, जिन्होंने कर्नाटक समाज में प्रत्येक समुदाय को पहचान दिलाई थी।”

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