‘IS से जुड़ीं महिलाओं और बच्चों का घर लौटना ब्रिटेन के लिए सबसे बड़ा खतरा’

लंदन । खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के लिए काम करने वाली महिलाओं और बच्चों की घर वापसी को खुशखबरी न समझें। सीरिया और इराक में लड़ने वाली इन महिलाओं और बच्चों का वापस लौटना सुरक्षा खतरे को पैदा करता है। विशेषज्ञों ने इस्लामी राज्य से जुड़ी महिलाओं और नाबालिगों के बढ़ते खतरे की चेतावनी दी है, यह बताते हुए कि सीरिया और इराक से ब्रिटेन लौटने की संख्या को काफी कम किया गया है। ये बात एक रिपोर्ट में सामने आई है। कहा जा रहा है कि विदेश में आइएस द्वारा प्रशिक्षित 18 साल की आतंकी सफा बाउलर जैसी महिलाएं और बच्चे ब्रिटेन के लिए ‘विशेष खतरा’ बने हुए हैं।

किंग्स कॉलेज लंदन द्वारा जारी की गई नई रिपोर्ट में कहा गया है कि इराक और सीरिया से लौटने वाली कट्टरपंथी महिलाओं और नाबालिगों को बड़े पैमाने पर कमतर आंका गया है, जो अब खतरनाक साबित हो सकते हैं। कहा गया है कि विदेश में आइएस द्वारा प्रशिक्षित आतंकी सफा बोलार जैसी महिलाएं और बच्चे ब्रिटेन के लिए खतरा बन हुए हैं।

रिपोर्ट में क्या कहा गया

रिपोर्ट के मुताबिक 850 ब्रिटिश नागरिक विदेश में आतंकी समूहों से जुड़े रहे थे, जिनमें 145 महिलाएं और 50 नाबालिग बच्चे शामिल थे। 18 वर्षीय सफा बोलार ब्रिटेन में आइसआइएस के ऑल वुमन टेरर ग्रुप का हिस्सा थी। लेकिन आधिकारिक सरकारी आंकड़ों की अनुपस्थिति का मतलब है कि यह स्पष्ट नहीं है कि 425 जिहादियों में से कितनी महिलाएं और बच्ची हैं जो अब तक ब्रिटेन लौट आए हैं।

UK के लिए खतरा बनी IS से जुड़ी महिलाएं

इंटरनेशनल सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ रेडिकलाइजेशन (आइसीएसआर) से जुड़ी डॉक्टर जोआना कुक ने कहा, ‘हमें विश्वास है कि कुछ महिलाएं अब कई कारकों के आधार पर विशेष रूप से सुरक्षा खतरे पैदा कर सकती हैं। इनमें शारीरिक सुरक्षा भूमिकाएं और संबंधित प्रशिक्षण शामिल हैं जो कुछ महिलाओं ने आइएस ट्रेनिंग कैंप में सीखा है। इसके साथ ही वे अन्य स्थानों या अपने बच्चों में इसे घृणा को स्थानांतरित या लागू करने की क्षमता रखती हैं।’ उन्होंने कहा, ‘आइएस से जुड़ी सक्रिय महिलाओं को फ्रांस, मास्को, केन्या, इंडोनेशिया और अमेरिका में ढूंढा गया है, जो यह सुझाव देते हैं कि वे ब्रिटेन में भी संभावित खतरा हो सकती हैं।’

यूनिवर्सिटी के इंटरनेशनल सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ रेडिकलाइजेशन की रिपोर्ट में पाया गया कि हाल ही में दुनिया के अलग-अलग भूखंडों से महिलाएं आइएस से सक्रिय रूप से जुड़ी थीं। यह कहा गया है कि अप्रैल 2013 और जून 2018 के बीच इराक और सीरिया में आइएस जुड़ने वाले 41,490 विदेशी नागरिकों में 4,761 (13%) महिलाएं थी, जबकि 4,640 (12%) नाबालिग बच्चे शामिल थे।

कौन है सफा बाउलर

18 वर्षीय सपा बाउलर, वहीं ब्रिटिश नागरिक है जिसने ब्रिटिश म्यूजिम पर हमला की साजिश रची थी। सफा ब्र‍िटेन की सबसे युवा आइएसआइएस आतंकी की थी। .

उसे ब्र‍िटेन की अदालत ने एलिस इन वंडरलैंड की थीम पर लंदन में आतंकी हमले की प्‍लॉटिंग करने के लिए उसकी मां और बहन के साथ दोषी करार दिया गया है।

बताया गया कि सफा को आतंकी बनाने में उसकी मां का हाथ है। उसकी मां उसे आइएस के वीडियो दिखाया करती थी। जिसके बाद सफा की दिलचस्पी चरमपंथ की ओर बढ़ी। इसके बाद सफा आइएस आतंकी नावीद हुसैन के साथ सोशल मीडिया के जरिए जुड़ी। तीन महीने तक लगातार चैटिंग करने के बाद नावीद और सफा ने ऑनलाइन शादी कर ली।

सफा बाउलर ब्रिटेन में आइएस के ऑल वुमेन टेरर ग्रुप का हिस्‍सा थीं। इस ग्रुप की प्‍लानिंग मशीन गन और ग्रेनेड बमों से लंदन स्‍थि‍त ब्र‍िटिश म्‍यूजियम को दहलाने की थी। लंदन म्यूजिम में हमले की साजिश इसी ग्रुप की प्लानिंग थी। लेकिन एक हवाई हमले में नावीद हुसैन की मौत और प्लानिंग में शामिल उसके दोस्त के गिरफ्तार हो जाने के बाद सफा का ये प्लान धरा का धरा रह गया।

इसके बाद उसने अपनी मां मीना डिच और 22 साल की बहन रिजलेन बाउलर से वेस्‍टमिंस्‍टर में चाकू से हमले की प्‍लानिंग करने की योजना साझा की। 27 अप्रैल को होनेवाले हमले के लिए कोडवर्ड रखा गया इंग्लिश टी पार्टी और एलिश इन वंडरलैंड। लेकिन मॉल में चाकू खरीदने और एमआइ6 ऑफिस के बाहर सेल्फी लेने के बाद पुलिस को उन तीनों पर शक हुआ। जिसके बाद पुलिस ने तीनों की जासूसी शुरू कर दी। अपनी तरफ से पुख्ता सबूत होने के बाद पुलिस ने तीनों मां-बेटी को गिरफ्तार कर लिया।

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