MP: ‘पोहा पॉलिटिक्स’ में मंत्री जीतू पटवारी का कैलाश विजयवर्गीय पर बड़ा हमला

भोपाल: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के पोहा पर दिए गए अजीबोगरीब बयान पर अब मध्यप्रदेश की सियासत गर्मा गई है. मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा, युवा एवं खेल मंत्री जीतू पटवारी ने कैलाश विजयवर्गीय पर निशाना साधते हुए एक के बाद एक दो ट्वीट किए हैं.
पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा कि, इंदौर ने जिन्हें पहचान दी, सम्मान दिया आज वो ही इंदौर में कभी आग लगाने की धमकी तो अब “पोहे” खाने वाले को बांग्लादेशी करार दे रहे हैं. कैलाश जी, इंदौर के पोहे देश में प्रसिद्ध हैं और पोहे तो हर व्यक्ति के पसंदीदा होते हैं. ऐसे में आखिर आप सिद्ध करना क्या चाहते हैं?

इस ट्वीट के साथ उन्होंने इंदौर के विधान सभा क्रमांक 2 के विधायक रमेश मेंदौला की पोहा खाते हुए फोटो भी लगाई है.

वहीं अपनी दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा, भाजपा के नेताओं में गजब की शक्ति है. मोदी जी “कपड़े” से पहचान लेते हैं, कैलाश जी “पोहे” से पहचान लेते हैं, अब एक और जल्द ही मैदान में आ जाएगा जो “सूंघ” कर पहचान लेगा. यह लोग देश को आपस में लड़वाकर “भाईचारे” को समाप्त करना चाहते है.

क्या कहा था कैलाश विजयवर्गीय ने?
कैलाश विजयवर्गीय गुरुवार को इंदौर में ‘लोकतंत्र-संविधान-नागरिकता’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि उनके घर के निर्माण कार्य में संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिक मजदूर के रूप में काम कर रहे थे. जिसकी पहचान उन्होंने उनके पोहा खाने तरीके से की. विजयवर्गीय ने कहा कि उनके घर में नए कमरे के निर्माण के काम में लगे 6 से 7 मजदूरों के खान-पान का तरीका उन्हें थोड़ा अजीब लगा, क्योंकि वो भोजन में केवल पोहा खा रहे थे. इसको लेकर उन्होंने सुपरवाइजर को बुलाया और पूछा की इन्हें रोटी नहीं मिलती क्या? जिस पर जवाब मिला कि ये रोटी खाते ही नहीं केवल पोहा ही खाते हैं. इसके बाद कैलाश विजयवर्गीय ने उनके जिले के बारे में पूछा, लेकिन मजदूर हिंदी नहीं समझ पाए. जिसके बाद कैलाश विजयवर्गीय को संदेह हुआ कि ये श्रमिक बांग्लादेश के रहने वाले हैं.

इंदौर में दी थी आग लगाने की धमकी
आपको बता दें, 3 जनवरी को कैलाश विजयवर्गीय ने इंदौर को आग के हवाले करने की धमकी दी थी. दरअसल, शहर की समस्याओं को लेकर कैलाश विजयवर्गीय कमिश्नर से मिलना चाहते थे, लेकिन कमिश्नर के नहीं मिलने पर वो भड़क गए और उन्होंने अधिकारियों को धमकी देते हुए कहा कि हमसे मिलने के लिए अधिकारियों के पास समय नहीं है, इतने बड़े हो गए क्या? आक्रोश में आकर कैलाश विजयवर्गीय ने यहां तक कह दिया था कि, ‘अगर RSS के लोंगो की इंदौर में बैठक नहीं चल रही होती तो वो इंदौर में आग लगवा देते.’

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