टैलीकॉम कम्पनियों और ट्राई के बीच हो सकता है टकराव

नई दिल्ली: टैलीकॉम रैगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) टैक्स्ट मैसेज के लिए इंटरकनैक्शन यूजर्स चार्ज (आई.यू.सी.) की समीक्षा करने पर विचार कर रहा है। इससे देश की पुरानी टैलीकॉम कम्पनियों और ट्राई के बीच टकराव हो सकता है। इससे पहले वॉयस कॉल के लिए आई.यू.सी. 57 प्रतिशत घटाने पर विवाद हुआ था।

टैक्स्ट मैसेज पर आई.यू.सी. का भुगतान कोई टैलीकॉम कम्पनी उस टैलीकॉम कम्पनी को करती है जिसके नैटवर्क पर मैसेज जाता है। यह वॉयस कॉल के लिए आई.यू.सी. की तरह है। सूत्रों ने बताया कि इस मुद्दे पर स्टेकहोल्डर्स की राय लेने के लिए रैगुलेटर एक कन्सल्टेशन पेपर जारी करने पर विचार कर रहा है। इसमें चार्ज को पूरी तरह समाप्त करने की संभावना शामिल हो सकती है।

यह रिव्यू ऐसे समय में होगा जब कंज्यूमर्स व्हाट्सएप और फेसबुक मैसेंजर जैसी ओवर-द-टॉप एप के जरिए मैसेज भेजना अधिक पसंद कर रहे हैं। अभी टैलीकॉम कम्पनियों के रैवेन्यू में मैसेजिंग की हिस्सेदारी 1-1.5 प्रतिशत की है।

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