34% लोग मानते हैं देश की आर्थिक स्थिति अच्छी

अर्थव्यवस्था में मंदी, नौकरियों में कमी के संकेत और किसान संकट के बीच मतदाता भारत की आर्थिक स्थिति से संतुष्ट हैं। अगर एक साल पहले से तुलना करें तो यह संतुष्टि और भी अधिक है। 19 राज्यों में 24 से 31 मार्च के बीच किए गए सर्वे में 34 फीसदी लोगों ने देश की आर्थिक स्थिति को अच्छा माना है। 25 फीसदी ने इसे खराब और 33 फीसदी ने इसे ठीक-ठाक बताया है। जिनको लगता है कि देश की आर्थिक स्थिति अच्छी है, उनमें से हर चार में से तीन मोदी सरकार को एक और मौका देने के पक्ष में हैं। जिनको यह ठीक-ठाक लगती है, उनमें से भी हर दो में एक यही राय रखता हैं। जबकि, खराब मानने वाले हर चार में एक मोदी सरकार को मौका देने के पक्ष में है।

पिछले एक साल में लोगों की व्यक्तिगत आर्थिक स्थिति में भी सुधार हुआ है। पिछले साल की मई में दाे तिहाई लोगों का मानना था कि उनके लिए अपना घर चलाना कठिन हो रहा है। ऐसे लोगों की संख्या अब आधी रह गई है। ऐसा सभी आर्थिक वर्गों में देखा गया है। खासकर गरीबों में। सर्वे में एक विरोधाभास भी दिखा है। इसमें यह सामने आया कि लोग मोदी के सबका साथ सबका विकास पर तो भरोसा करते हैं, लेकिन वे लाखों रोजगार पैदा करने के सरकारी दावे से संतुष्ट नहीं हैं। 46 फीसदी लोगों का कहना था कि रोजगार अवसर कम हुए है। सिर्फ 25 फीसदी ही ऐसा मानते हैं कि बढ़ोतरी हुई है। यूपीए सरकार के समय 2014 में केवल 33 फीसदी लोगों ने ही माना था कि रोजगार के अवसर घटे हैं।

कष्टों के लिए राज्य की तुलना में जो किसान केंद्र को अधिक जिम्मेदार मानते हैं, उनमें से 41 फीसदी मोदी सरकार को एक और मौका देने के पक्ष में हैं। उत्तर और पूर्वी भारत के किसानों में सरकार समर्थक रुझान ज्यादा है, दक्षिण में सबसे कम। महाराष्ट्र के सबसे ज्यादा 20% किसानों ने कहा कि उनके लिए खेती सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा है।

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