कोविड-19 के लिये मलेरिया रोधी दवा के इस्तेमाल पर बहस गर्माई

वाशिंगटन. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके प्रशासन के सदस्य मलेरिया रोधी दवा को बढ़ावा दे रहे हैं जबकि कोरोना वायरस (Coronavirus) से निपटने के लिये इसे आधिकारिक रूप से मंजूरी नहीं मिली है, यद्यपि वैज्ञानिकों का कहना है कि वायरस के खिलाफ प्रभावी और सुरक्षित साबित करने के लिये इसका अभी और परीक्षण किये जाने की जरूरत है.

ट्रंप के कारोबार सलाहकार पीटर नवारो ने सोमवार को एक टीवी साक्षात्कार में इस दवा, हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन, के इस्तेमाल की वकालत की. इससे एक दिन पहले ट्रंप भी सार्वजनिक रूप से इस दवा को लेकर अपना भरोसा व्यक्त कर चुके हैं.

ट्रंप ने रविवार को संवाददाताओं से कहा था, “मैं क्या जानता हूं, मैं चिकित्सक नहीं हूं, लेकिन मेरे पास आम समझ है.” व्हाइट हाउस के कोरोना वायरस कार्यबल के ‘स्थिति कक्ष’ में बैठक के दौरान शनिवार को इस दवा को लेकर हुई तीखी बहस के बाद प्रशासन की तरफ से इस दवा की पुरजोर वकालत की जा रही है. माना जा रहा है कि इस बैठक में नवारो ने अमेरिका के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. एंथोनी फाउसी द्वारा दवा की अनुशंसा सिर्फ अवैज्ञानिक साक्ष्यों पर आधारित होने की दलील को चुनौती दी थी.

स्थिति कक्ष में हुई चर्चा के बारे में जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि कोई औपचारिक चिकित्सीय प्रशिक्षण हासिल नहीं करने वाला नवारो ने फाउसी को टोकते हुए ऊंची आवाज में दावा किया कि उनके द्वारा एकत्र की गई अध्ययनों की रिपोर्ट व्यापक रूप से इस दवा की अनुशंसा करने के लिये पर्याप्त है.

फाउसी का कहना है कि मौजूदा अध्ययन शोधपरक या तथ्यात्मक निष्कर्ष के बजाए व्यक्तिगत अनुभवों पर आधारित है कि यह दवा काम करती है. डॉक्टरों द्वारा कोविड-19 के मरीजों को मलेरिया की दवा की अनुशंसा की जा रही है, हालांकि ऐसा ‘ऑफ-लेबल’ (अलिखित तौर पर) किया जा रहा.

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