केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस साल पुरी में रथयात्रा को लेकर अनिश्चितता के बीच सोमवार को श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष गजपति महाराजा दिब्यसिंह देब से बात की। अमित शाह ने त्योहार से जुड़ी धार्मिक भावनाओं पर भी चर्चा की। भाजपा के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष समीर मोहंती ने कहा कि अमित शाह ने भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथयात्रा से जुड़ी रस्मों पर चर्चा की। यह रथयात्रा गजपति महाराजा के संरक्षण में 1736 से चल रही है।
उन्होंने ट्वीट कर इसकी जानकारी देते हुए कहा, “भगवान जगन्नाथ के महान भक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश के अनुसार, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गजपति महाराजा से बात की। मैं आशावादी हूं कि सुप्रीम कोर्ट इस साल पुरी में रथयात्रा आयोजित करने के लिए हरी झंडी देगी।”
गजपति महाराजा ने ओडिशा सरकार से आग्रह किया
इससे पहले ओडिशा सरकार से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया था कि धार्मिक ग्रंथों और यहां की परंपरा के अनुसार रथयात्रा को अनिवार्य मानकर इसकी मंजूरी दी जानी चाहिए। हालांकि उन्होंने महामारी के मद्देनजर इस बार जनविहीन उत्सव का सुझाव दिया था।
सुप्रीम कोर्ट तीन जजों की पीठ गठित करेगी
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबडे ने सीओवीआईडी -19 महामारी के कारण पुरी में इस साल की रथयात्रा में 18 जून के आदेश में संशोधन की मांग करने वाली दलीलों को सुनने के लिए तीन न्यायाधीशों की पीठ गठित करने पर सहमति जताई है।
केंद्र ने कहा, सदियों की परंपरा को रोका नहीं जा सकता
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि महामारी को देखते हुए जन भागीदारी के बिना रथयात्रा की अनुमति दी जा सकती है और कहा कि सदियों की परंपरा को रोका नहीं जा सकता है। वहीं, ओडिशा सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में केंद्र के रुख का समर्थन किया।
पुरी रथयात्रा, 23 जून से आयोजित होने वाली है। इसमें दुनिया भर के लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 18 जून को सार्वजनिक स्वास्थ्य और नागरिकों की सुरक्षा के हित में कहा था, इस वर्ष की रथयात्रा की अनुमति नहीं दी जा सकती है और अगर हम अनुमति देते हैं तो भगवान जगन्नाथ हमें माफ नहीं करेंगे।







