बजट में कम होगा राजकोषीय घाटा

केंद्रीय बजट FY23-24 में भारत के राजकोषीय घाटा कम होने के संकेत मिले हैं। यह बुनियादी ढांचे और पूंजीगत व्यय (कैपेक्स )बढ़ोतरी पर फोकस करने वाला एक प्रगतिशील और समावेशी बजट है। बजट में वित्त वर्ष 2024 के लिए राजकोषीय घाटे को घटाकर 5.9% रहने का अनुमान जताया गया है, जबकि इस दौरान केंद्र सरकार का कैपेक्‍स टारगेट (पूंजीगत खर्च का लक्ष्‍य) रिकॉर्ड 10 लाख करोड़ (अब तक का सर्वाधिक) है। यह प्रभावी रूप से राजस्व खर्च को पूंजीगत खर्च में बदल देगा, जिसका मल्‍टीपल प्रभाव अधिक होता है। इसका मतलब यह भी होगा कि सरकार का शुद्ध उधार 11.8 लाख करोड़ रुपये के अनुमान से कम है।

यह बांड मार्केट और समग्र रूप से कॉर्पोरेट सेक्टर के लिए अच्छे संकेत है। इसके अलावा व्यक्तिगत स्तर पर आयकर पर राहत देने का मतलब यह है कि खपत के लिए 35,000 करोड़ अतिरिक्त उपलब्ध होगा। ईज ऑफ डूइंग यानी व्यापार सुगमता से जुड़ी बेहतर नीतियों और रेगुलेशन के चलते अत्‍यधिक रेगुलेटेड वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में विकास को बढ़ावा मिलेगा।

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