पीएम मोदी, नड्‌डा बताएंगे चुनाव में जीत का मंत्र

5 राज्यों की जीत के रणनीतिकार भोपाल में होंगे तैयार…

भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 27 जून को बीजेपी के बूथ समिति सदस्यों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल होने भोपाल आ रहे हैं। पीएम के इस दौरे से एक दिन पहले बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष भी सोमवार को भोपाल आ रहे हैं। वे देश भर की सभी लोकसभा सीटों से चयनित बूथ कार्यकर्ताओं से चर्चा करेंगे।

मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पांच महीने पहले बीजेपी ने पॉलिटिकल फील्ड की सबसे प्राइमरी यूनिट पर इतना फोकस क्यों किया और इस ट्रेनिंग के लिए भोपाल को ही क्यों चुना? इसके कारण जानने के लिए हमने इस दौरे और प्रशिक्षण कार्यक्रम में लगे बीजेपी के पदाधिकारियों से बात की। उनसे बूथ समिति के सदस्यों का चयन कैसे हुआ? पूरी प्रक्रिया को जानने की कोशिश की।

सबसे पहले जानिए कैसे सिलेक्ट हुए एक लोकसभा क्षेत्र से पांच बूथ लेवल वर्कर…

बीजेपी ने हर बूथ पर 22 तरह के काम करने का टास्क हर बूथ समिति को दिया था। इसके लिए पैरामीटर तय किए थे। इसमें बूथ पर बनाई जाने वाली समिति में उस क्षेत्र के सभी वर्गों के लोगों, महिलाओं की भागीदारी हो। पूरी जानकारी बूथ समिति एप पर दर्ज कर डिजिटलाइज हो। बूथ समिति के सदस्यों की सोशल मीडिया पर सक्रियता हो। साथ ही पार्टी के कार्यक्रमों का समयबद्ध आयोजन और उसकी रियल टाइम एप पर ऑनलाइन रिपोर्टिंग भी हो। ऐसे पैरामीटर पर खरे उतरने वाले 10-10 सुपर एक्टिव बूथ लेवल वर्कर्स को भोपाल में होने वाले बूथ प्रशिक्षण के लिए शॉर्ट लिस्ट किया गया।

इन 10 कार्यकर्ताओं में से भी 5 कार्यकर्ताओं का इंटरव्यू के जरिए भोपाल के कार्यक्रम के लिए चयन किया गया। भोपाल में ट्रेनिंग पूरी होने के बाद इन्हें मिशन 7-Days पर लगाया जाएगा। ट्रेनिंग लेने के बाद इन्हें जो राज्य आवंटित किया जाएगा, वहां जाकर सात दिन में वहां के सभी मंडल की बूथ समितियों को प्रशिक्षण देना होगा। 4 जुलाई से बूथ समितियों के सम्मेलन होंगे।

बीजेपी अध्यक्ष, बड़े नेताओं से लेकर सांसदों तक ने किए इंटरव्यू…

सभी लोकसभा सीटों से दस-दस सुपर एक्टिव बूथ लेवल वर्कर्स के नाम सिलेक्ट कर भाजपा के केंद्रीय कार्यालय को भेजे गए। यहां से अलग-अलग राज्यों के सभी बडे़ नेताओं, प्रदेश अध्यक्ष, मुख्यमंत्री, प्रदेश पदाधिकारी, सांसदों को किसी दूसरे राज्य की एक लोकसभा सीट के 10 कार्यकर्ताओं का वर्चुअल इंटरव्यू लेने को कहा गया। इंटरव्यू के बाद 10 में से 5 कार्यकर्ता भोपाल के कार्यक्रम के लिए चयनित किए गए।

सिलेक्शन में देखी गई ये बातें…

पर्सनेलिटी
इंटर पर्सनल कम्युनिकेशन स्किल
स्थानीय मुद्दों की समझ
बूथ समिति प्रबंधन में स्थानीय जातिगत, सामाजिक और राजनीतिक परिस्थिति की जानकारी
वोटर्स का वर्गीकरण
अर्द्धपन्ना प्रमुखों के कामकाज की जानकारी
पार्टी के कार्यक्रमों का बूथ पर क्रियान्वयन, एप और पोर्टल पर ऑनलाइन रिकॉर्ड अपलोडिंग
सोशल मीडिया पर सक्रियता, फॉलोअर्स और कंटेंट पर समझ

3 हजार कार्यकर्ताओं का रोल समझिए…

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा, राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष सोमवार को देशभर की सभी 543 लोकसभा सीटों के चयनित कार्यकर्ताओं से चर्चा करेंगे। इन्हें ट्रेनिंग भी देंगे। अगले दिन मंगलवार को प्रधानमंत्री इन 3 हजार कार्यकर्ताओं को बूथ को जीतने की प्लानिंग के बारे में प्रशिक्षण देंगे। ट्रेनिंग के बाद कार्यकर्ताओं को अगले सात दिन के लिए उन राज्यों में भेजा जाएगा, जहां इस साल के अंत में चुनाव होने हैं। कार्यकर्ताओं को अल्पकालीन विस्तारक नाम दिया गया है।

भोपाल में ट्रेंड होकर बूथ मैनेजमेंट के मास्टर ट्रेनर दूसरे राज्य के सभी मंडलों में बूथ समितियों के कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देंगे। सात दिन में प्रशिक्षण का काम पूरा कर 4 जुलाई को बूथ समितियों का सम्मेलन किया जाएगा। ये सभी मास्टर ट्रेनर ट्रेनिंग के दौरान बूथ समिति के कार्यकर्ताओं को यह बताएंगे कि बूथ पर कौन से काम करने से भाजपा के पक्ष में माहौल बनेगा और वोटर्स को किस तरह भाजपा को वोट देने के लिए प्रेरित किया जाए।

बूथ समितियों को ये टास्क दिया जाएगा…

बूथ समितियों के गठन में उस बूथ पर जातिगत समीकरणों के हिसाब से लोगों को शामिल किया जाए। महिला, ओबीसी, एसटी, एससी और अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों को बूथ समिति में हिस्सेदारी दी जाए। बूथ क्षेत्र के प्रभावशाली मतदाता (जिनकी अपने समाज में अच्छी पकड़ है, जिनके प्रभाव से वोटर डायवर्ट होते हैं) की लिस्ट तैयार कर बडे़ नेताओं से संपर्क कराया जाएगा।

बूथ क्षेत्र के वॉट्सऐप ग्रुप बनाकर उसमें केंद्र और राज्य की भाजपा की सरकार की योजनाओं के वीडियो और पोस्ट शेयर करना। जिन राज्यों में विपक्षी दलों की सरकार है वहां सरकार की नाकामियों और स्थानीय मुद्दे जो सुलझ नहीं पाए उन्हें जनता के बीच उठाना। बूथ समिति को दिए गए सभी कामों को टाइम लाइन के अनुसार पूरा कर उनकी जानकारी एप और पोर्टल पर अपलोड करना।

अब जानिए इस ट्रेनिंग के लिए बीजेपी ने भोपाल को ही क्यों चुना…

दरअसल, कुशाभाऊ ठाकरे के समय से भाजपा का संगठन मप्र में सबसे ज्यादा मजबूत रहा है। इसे बीजेपी अपनी पॉलिटिकल ऐक्सपैरिमैंट की लैबोरेटरी कहती है। यानी भाजपा के सभी प्रयोग और नवाचार मप्र में सफल होते रहे हैं। वर्तमान में देश भर में बीजेपी की बूथ समितियों में 80 लाख सदस्य हैं इनमें से अकेले 40 लाख सदस्य मप्र में हैं। इस साल के अंत में जिन राज्यों में चुनाव होने हैं उनके सेंटर में मप्र पड़ता है।

मप्र में भाजपा की सरकार है जबकि छत्तीसगढ़, राजस्थान में कांग्रेस की सरकारें हैं। वहीं तेलंगाना में केसीआर की पार्टी बीआरएस (भारत राष्ट्र पार्टी) सरकार चला रही है। वहीं मिजोरम में बीजेपी के समर्थन की सरकार है। मप्र में मजबूत संगठन को देखते हुए बीजेपी के केन्द्रीय नेतृत्व ने ट्रेनिंग के लिए भोपाल का चयन किया है।

मप्र में कौन-कौन से प्रयोग हुए सफल…

भारतीय जनता पार्टी मध्यप्रदेश ने अपने बूथ विस्तार अभियान पार्ट वन और पार्ट टू के माध्यम से विस्तारित किया।

पार्ट वन में सर्वप्रथम बूथ समितियां गठित हुई और उसके बाद उनका डिजिटलाइजेशन हुआ।
पार्ट 2 में अर्ध पन्ना प्रमुख और सभी पन्ना समितियों के गठन के बाद इसके लिए बूथ विजय संकल्प अभियान प्रारंभ किया।

त्रिदेव प्रशिक्षण वर्ग हर मंडल में आयोजित किए, जिसमें 1078 मंडल शामिल रहे, इसमें बूथ अध्यक्ष, बूथ महामंत्री और बीएलए इन तीनों को त्रिदेव का दर्जा देकर प्रशिक्षित किया गया।
पन्ना समिति से लेकर प्रदेश अध्यक्ष तक हर कार्यकर्ता डिजिटलाइज हो चुका है।

हर कार्यक्रम और उपस्थिति संगठन एप के माध्यम से डिजिटली रिपोर्ट होती है। इससे संगठनात्मक रिपोर्टिंग प्रमाणिकता से बढ़ी है और संगठनात्मक कार्यों के नए आयाम स्थापित हुए हैं।

मन की बात कार्यक्रम का आयोजन देश भर में मध्य प्रदेश आगे रहता है, जिसे हर बूथ पर सुना जाता है।

मप्र के 64,100 बूथों में से 90 फीसदी बूथ समितियां डिजिटलाइज हो चुकीं है।
700 वर्कर्स को जिम्मेदारी, रेलवे स्टेशन पर रिसीव करने के लिए ड्यूटी लगाई

मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में होने वाले मेरा बूथ सबसे मजबूत कार्यक्रम के लिए भाजपा ने करीब 700 कार्यकर्ताओं को अलग-अलग जिम्मेदारियां दी हैं। देशभर से आ रहे बूथ वर्कर्स को रिसीव करने के लिए रेलवे स्टेशन पर 6-6 घंटे की शिफ्ट में ड्यूटी लगाई गई है। बाहर से आने वाले कार्यकर्ताओं को ठहराने, भोजन, कार्यक्रम स्थल तक लाने, ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, पार्किंग, सुरक्षा जैसे कामों के लिए करीब 700 कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी गई है।

लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल क्योंकि पांच राज्यों में 83 सीटें…

इस साल जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। वहां लोकसभा की कुल 83 सीटें आती हैं। सबसे ज्यादा मध्य प्रदेश में 29, राजस्थान में 25, तेलंगाना में 17, छत्तीसगढ़ में 11 लोकसभा सीटें हैं, जबकि मिजोरम लोकसभा की एक सीट है। इस तरह 543 लोकसभा सीटों के लिहाज से देखें तो इन राज्यों में 15 प्रतिशत से भी ज्यादा सीटें हैं। इसी वजह से ये कहा जा रहा है कि इन विधानसभा चुनावों के नतीजे लोकसभा चुनाव पर बड़ा प्रभाव छोड़ेंगे।

बीजेपी ने बूथ पर कराए ऐसे 22 प्रकार के काम…

बीजेपी ने हर बूथ पर करीब 22 प्रकार के काम कराए हैं। इनमें वोटर लिस्ट के पन्ना (पेज) के अनुसार पन्ना समिति बनाई गई हैं। इनमें 1 पन्ना प्रमुख के साथ कम से कम 4-5 सदस्य बनाने पर जोर दिया जा रहा है। पन्ना समिति के अन्तर्गत आने वाले परिवारों और वोटर्स के संपर्क में बूथ कमेटियां रहेंगी। अपने बूथ के अन्तर्गत बस्तियों, गांव मजरा, टोला में परिवारों की बैठकों के आयोजन किए जाएंगे।

पिछले चुनावों के रिजल्ट के मुताबिक बन रही बूथ की कैटेगरी…

बूथ कमेटियों को यह निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने बूथ का पिछले दो विधानसभा चुनाव और एक लोकसभा चुनाव के परिणाम के आधार पर A-B-C की कैटेगरी तय करें। पिछले चुनाव परिणाम के आधार पर बूथ को अपग्रेड करने में यानी वोट शेयर बढ़ाकर उसे सी से बी में बी से ए में अपने बूथ को ले जाने की प्लानिंग बनाने पर जोर दें। जिस बूथ पर बीजेपी को 70 से 75 प्रतिशत तक वोट मिले थे, ऐसे बूथ को ए+ बूथ बनाया जाएगा।

वोटर लिस्ट पर भी नजर…

बीजेपी ने अपने बूथ लेवल वर्कर्स को ये निर्देश दिए हैं कि समय-समय पर वोटर लिस्ट पर नजर बनाए रखें। सही नाम जुड़वाना, गलत नाम हटवाने के काम भी बूथ के वर्कर्स करेंगे।
बूथ के वोटर्स को भी चार कैटेगरी में बांटा गया है।

अपने
दूसरे दलों से जुड़े
फ्लोटिंग वोट
मृत्यु या प्रवासी
ये काम भी बूथ के वर्कर्स करेंगे

बूथ लेवल आफिसर (बीएलओ) के संपर्क में रहना।

सोशल मीडिया पर भाजपा मप्र और नेतृत्व के ट्विटर फेसबुक आदि पर जुड़ना फॉलो करना।
उनके द्वारा की जा रही पोस्टों को शेयर करना आगे बढाना।

बूथ समिति और पन्ना समिति का वॉट्सऐप ग्रुप बनाना और दूसरा वॉट्सऐप ग्रुप बूथ के अन्य वोटर्स का बनाया जा रहा है ताकि उन्हें भी बीजेपी की रीति-नीति से अवगत कराया जा सके।

अपने बूथ पर रहने वाले स्मार्ट फोन धारक मतदाताओं की लिस्ट बनाई जा रही है।
समाज में किसी भी प्रकार की आपदा आने पर सेवा और सहयोग की भावना से तत्काल टोली के साथ सक्रिय होना।

  • Related Posts

    सांसद अफजाल अंसारी पर धार्मिक भावना भड़काने का मुकदमा दर्ज

    महाकुंभ स्नान को लेकर विवादित टिप्पणी करने वाले सांसद अफजाल अंसारी पर एक बार फिर धार्मिक भावनाओं को आहत करने के मामले में 13 फरवरी की रात में शादियाबाद थाने…

    अमृतसर में तीस किलो हेरोइन बरामद, एक गिरफ्तार

    पंजाब में अमृतसर ग्रामीण पुलिस ने सीमा पार से तस्करी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए एक ड्रग तस्कर को गिरफ्तार कर उसके पास से एक कार के…