मैहर में बांग्लादेशी संदिग्ध का भंडाफोड़, फर्जी दस्तावेजों के सहारे बना स्थानीय नागरिक

मैहर
देशभर में बांग्लादेशी घुसपैठ व बांग्लादेश में सनातनियों पर हो रहे अत्याचार के बीच मैहर जिला के मुकुंदपुर तहसील स्थित मदरसे में पढ़ने के नाम से रह रहे पश्चिम बंगाल (बांग्लादेश) से आए एक मुस्लिम व्यक्ति कि पहचान उजागर हुई है। जिसके बाद से संबंधित व्यक्ति के खिलाफ हरकत में आया और उसकी जांच की तो सामने आया कि उसके द्वारा बिना किसी एनओसी व अन्य दस्तावेजों के प्रमाणीकरण कराए बगैर ही मैहर जिला का स्थानीय निवासी के तौर वोटर आईडी कार्ड, आधार कार्ड, समग्र आईडी समेत बीपीएल योजना का हितग्राहीधारक कार्ड पंजीकरण कर योजनाओं का लाभ ले रहा था। जबकि वह भारत देश का नागरिक भी नहीं है। खैर, जानकारी लगने के बाद जनपद पंचायत सीईओ अमरपाटन द्वारा उसकी समग्र आईडी निरस्त करते हुए उसकी रिक्वेस्ट भोपाल मुख्यालय भेजी गई साथ ही उसके गरीबी रेखा का हितग्राही होने की जानकारी तहसीलदार को भेजी गई है।

दरगाह में शिक्षक और झाड़-फूंक का काम
बता दें कि संबंधित व्यक्ति कौसल आलम नाम का बाग्लादेशी बीते पांच से छह वर्षो से मुकुंदपुर की दरगाह में बतौर शिक्षक के रुप में किराए से रह रहा है। इसके अलावा वह आस-पास के क्षेत्र में झाड़-फूंक जैसे काम भी करने के लिए जाना जाता है। सूत्रों की मानें तो उसके जांच के दौरान उसके माता-पिता भी अन्य बाहरी मुल्कों से जुड़े मिले है। हालंकि जांच के बाद इतना सबकुछ पाए जाने के उपरांत भी जिला प्रशासन ने उसके खिलाफ कोई कानूनी प्रक्रिया नहीं अपनाई और वह फिलहाल वहीं रह रहा है।
 
आधार कार्ड में ‘अभिभावक’ का परिवर्तन कर बना स्थानीय निवासी
पश्चिम बंगाल से आए बाहरी मुस्लिम व्यक्ति को मुकुंदपुर जिला मैहर का निवासी बनाने के लिए उसके आधार कार्ड में अभिभावक के नाम का परिवर्तन किया गया। कौसर आलम नामक व्यक्ति के आधार में केयर आफ में सुल्तान अली निवासी मुकुंदपुर करने के बाद उसके आधार में निवास मेें बदलाव करते हुए निवासी मुकुंदपुर बना दिया गया। जिसके बाद संबंधित व्यक्ति का वोटर आईडी कार्ड, समग्र आईडी एवं गरीबी रेखा का बीपीएल कार्ड जैसे अन्य लाभ भी हासिल कर लिए।

एसआईआर में अनमैम्पड् होने के बाद हुआ खुलासा
पश्चिम बंगाल से आकर मुकुंदपुर में बतौर स्थानीय निवासी के रुप में रह रहे कौसल आलम की पहचान का खुलासा तब हुआ जब वह एसआईआर सर्वे के दौरान के अनमैम्पड् हो गया यानि मतदाता नहीं रहा। जिसके बाद इंटरनेट मीडिया के जरिए उसकी जानकारी प्रशासन को लगी और जांच के दौरान उसके बाहर होने की जानकारी समाने आई।

एसपी ने मांगी कलेक्टर से जानकारी
इस संबंध में यह जानकारी भी सामने आई है, कि पुलिस अधीक्षक मैहर के पास उसके पासपोर्ट का आवेदन का एनओसी की जानकारी भी सामने आने के बाद कलेक्टर से उसके संबंध में पूरी जानकारी के संबंध में बात की है और साथ ही इसके लिए भी बात कि है कि आखिर उसके अन्य दस्तावेज कैसे तैयार कर दिए गए? हालंकि इस संबंध में पुलिस अधीक्षक मैहर अवधेश प्रताप सिंह से संपर्क किया गया लेकिन उनका दूरभाष द्वारा संपर्क किया गया लेकिन उनके द्वारा फोन रिसीव नहीं किया गया।

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