
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीधी पेशाब कांड के पीड़ित के प्रति जो सादगी दिखाई, उसने एक अनूठी मिसाल पेश की है.
मध्य प्रदेश में पिछले कुछ दिनों में जो गुजरा, उसने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सहजता, सरलता और सह्दयता को एक बार फिर सामने ला दिया. कुनबे का मुखिया होने के नाते उन्होंने हर गलती को अपने माथे पर रखा. उसके लिए क्षोभ व्यक्त किया. सीधी के पेशाब कांड के पीड़ित से माफी मांगी. प्रायश्चित करने के लिए पीड़ित के पैर तक धोए.
प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चैहान ने सीधी जिले के आदिवासी दशमत को अपने घर बुलाया. उसके चरण पखारे. आरती उतारकर उसे शाॅल-श्रीफल देकर सम्मानित भी किया. उसके पास बैठकर उसके हालचाल जाने. भविष्य के लिए उसकी आजीविका का बंदोबस्त भी किया. उसकी सुरक्षा और सुविधासंपन्न जिंदगी के रास्ते भी प्रशस्त किए. परिजनों से फोन पर चर्चा कर उन्हें भी आश्वस्त किया कि जो हुआ, वह आगे नहीं होगा. दशमत के पैर पखारने के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस बात को भी ऊपर रख दिया कि कुनबे का मुखिया होने के मायने छोटों की गलती के लिए खुद सजा और प्रायश्चित की भावना भी जरूरी है.
एनएसए लगाया, बुलडोजर चलाया
शिवराज सिंह चौहान ने यह भी जता दिया कि गरीबों का दमन, कमजोरों का शोषण और समाज में दहशत फैलाने वाले बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे. अपनी पार्टी के कार्यकर्ता के इस व्यवहार की बात आई तो उसके साथ भी वही रवैया अपनाया गया. उस पर एनएसए लगाया गया. बुलडोजर भी चलाया गया. अपने मद में मस्त व्यक्ति का दंभ ढहाया गया. कानून सबके लिए एक जैसा है. इंसाफ सभी को बराबर मिलेगा. इसे एक बार फिर साबित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश की कानून व्यवस्था को साबित कर दिखाया.