
भोपाल कलेक्टर आशीष सिंह ने आरटीओ को निर्देश दिए सभी स्कूल बसों की जांच आज से शुरू होगी. साथ ही स्कूलों से कहा है कि ड्रेस, कॉपी, किताब के लिए एक दुकान को अधिकृत नहीं कर सकते.
भोपाल में निजी स्कूलों की मनमानी और बच्चों की सुरक्षा को लेकर कलेक्टर ने निजी स्कूल के प्राचार्य के साथ शुक्रवार को बैठक की. इसमें कलेक्टर ने साफ कहा कि बच्चों की सुरक्षा स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी है. उन्होंने आरटीओ को स्कूल बसों की जांच करने के निर्देश दिए. साथ ही स्कूलों को साफ कहा कि ड्रेस, कॉपी और किताब के लिए एक दुकान को अधिकृत नहीं कर सकते.
कलेक्टर कार्यालय में आयोजित बैठक में 70 से अधिक स्कूल के प्राचार्य, प्रबंधक और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे. कलेक्टर आशीष सिंह ने जिले के निजी विद्यालयों के प्राचार्य और प्रबंधन के साथ बैठक में निर्देश दिए कि बच्चों को घर से लेने के बाद उनकी सुरक्षा को जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन की है. बच्चों की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी इंतजाम बसों में अनिवार्य रूप से किए जाएं. इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग और आरटीओ द्वारा जारी सभी निर्देशों का बस संचालकों और स्कूल प्रबंधन को पालन करना होगा.
आज से स्कूल बसों की होगी जांच
कलेक्टर ने निर्देश दिए हैं कि सभी स्कूल की बसों में सीसीटीवी कैमरे, महिला अटेंडेंट, फर्स्ट एड बॉक्स की व्यवस्था हो, छोटे बच्चों को स्कूल से वापस घर छोड़ते समय उनके पालकों को सुपुर्द किया जाए, ऐसे ही सड़क पर नहीं छोड़ा जाए. आरटीओ, राजस्व अधिकारी शनिवार सुबह से ही बसों की जांच शुरू करेंगे. इसके साथ ही फिटनेस की जांच भी की जाएगी. इसके साथ ही बसों के ड्राइवर का पुलिस वेरिफिकेशन कराया जाए और उनकी जानकारी भी पालकों से शेयर की जाए. बस में चलने वाले सभी स्टाफ की जानकारी और आईडी कार्ड अनिवार्य रूप से रखा जाए. जिन पालकों द्वारा पूल बनाकर निजी वाहन से बच्चों को स्कूल भेजा जा रहा है. उनकी जानकारी भी स्कूल प्रबंधन को रखना होगी.
ड्रेस, किताब के लिए मोनोपॉली नहीं कर सकते
कलेक्टर ने निर्देश दिए कि स्कूल प्रबंधन, ड्रेस, किताब और अन्य सामग्री के लिए मोनोपॉली नहीं कर सकते. शहर में कम से कम तीन से अधिक दुकानों पर सभी स्कूल की सामग्री मिलना चाहिए. इसके लिए किसी भी एक दुकान को अधिकृत नहीं किया जा सकता है. कलेक्टर ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए हैं कि अपने क्षेत्रों में इसके लिए जांच समिति बनाकर जांच कराई जाए और ऐसे स्कूल प्रबंधन को सूची संधारित कर भेजी जाए.