शीतकालीन सत्र LIVE: राज्‍यसभा में उठा स्‍पेशल कोर्ट का मुद्दा, जेटली बोले- कोई कैसे कह सकता है जल्‍दी नहीं निपटने चाहिए आपराधिक मामले

नई दिल्ली: लोकसभा और राज्‍यसभा में मंगलवार को कार्यवाही के दौरान कांग्रेस ने राज्‍यसभा में पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा मनमोहन सिंह के खिलाफ दिए गए बयान को लेकर हंगामा किया. कांग्रेस के सांसदों की मांग थी कि पीएम मोदी अपने बयान पर माफी मांगे. विपक्ष के हंगामे के चलते दोनों सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्‍थगित हो गई है और इसके बाद जब सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुुुुई तो विधायकों और सांसदों के खिलाफ चल रहे आपराधिक मामलों के लिए स्पेशल कोर्ट बनाए जाने का मुद्दा राज्यसभा में उठाया.

कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने राज्‍यसभा में नेताओं के लिए स्पेशल कोर्ट बनाए जाने का मुद्दा उठाया. उन्‍होंने कहा कि सरकार को स्पेशल कोर्ट की स्थापना के लिए पर्याप्त मात्रा में फंड देना चाहिए ताकि ट्रायल खत्म होने के बाद लोगों को ज्यादा दिनों तक जेल में न रहना पड़े. गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कानून सबके लिए होना चाहिए, विधायिका को इससे अलग नहीं रखना चाहिए. इस पर अरुण जेटली ने कहा कि कोई सांसद कैसे कह सकता है कि उसके खिलाफ आपराधिक मामले जल्‍दी नहीं निपटने चाहिए. सभी को जल्‍दी न्‍याय मिलना चाहिए.

जेटली ने कहा कि मैं अपने सभी सहकर्मियों और विपक्ष के नेताओं को बुलाऊंगा और इस मुद्दे का समाधान खोजने की कोशिश करूंगा. बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय ने मुख्य न्यायाधीश और बार काउंसिल ऑफ इंडिया को पत्र लिखकर विधायकों और सांसदों को अधिवक्ता के रूप में प्रैक्टिस करने से रोक लगाने की गुहार लगाई है.

गुलाम नबी आजाद पूर्व पीएम मनमोहम सिंह जी की देश के प्रति वफादारी पर सवाल उठाया गया है. पीएम को सदन में आकर सफाई देनी चाहिए. वहीं आरजेडी के सांसद ने लालू प्रसाद यादव की सुरक्षा में कमी किए जाने के मामले में लोकसभा में स्‍थगन प्रस्‍ताव दिया है. वहीं टीएमसी नेताओं ने सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले महात्‍मा गांधी की प्रतिमा के सामने एफआरडीआई बिल के विरोध में प्रदर्शन किया है.

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को राज्‍यसभा में एक लिखित उत्‍तर में कहा कि वन रैंक और वन पेंशन के मुद्दे पर गौर करने के लिए उन्‍होंने किसी नई समिति का गठन नहीं किया है. वहीं सोमवार को लोकसभा में विपक्ष और सत्तापक्ष के हंगामे के कारण कामकाज बाधित रहने के बावजूद पांच विधेयक पेश किये गए, जिसमें लोक प्रतिनिधित्व संशोधन विधेयक, राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद अधिनियम, उपदान संदाय संशोधन विधेयक, दंत चिकित्सा संशोधन विधेयक और भारतीय वन संशोधन विधेयक शामिल है.

निचले सदन में शोर शराबे के बीच ही लोकसभा में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सामान्य बजट से जुड़ी 2017-18 के लिये पूरक अनुदान की अनुपूरक मांगों के लिये दूसरे बैच का प्रस्ताव सदन में पेश किया. इसमें सरकार ने वर्ष 2017-18 के लिए पूरक अनुदान मांगों के दूसरे बैच में 66,113 करोड़ रूपये के सकल अतिरिक्त व्यय को अधिकृत करने के लिये संसद का अनुमोदन मांगा. इसमें गरीबों को बिजली कनेक्शन प्रदान करने और यूरिया सब्सिडी के भुगतान के लिये कोष प्रदान करना शामिल है.

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