
नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ ही आज बजट सत्र का आगाज हो गया। वहीं कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बजट सत्र में कम दिनों को लेकर सरकार पर निशाना साधा और कहा कि सरकार सिर्फ चुनाव के नजरिए से इसे देख रही है। राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद खड़गे ने कहा ये तो ऐसा था जैसे पुरानी शराब पर नया लेबल चढ़ा दिया गया हो। तीन तलाक बिल पास कराने पर उन्होंने कहा कि एक दिन राष्ट्रपति के संबोधन में खत्म हो गया, एक दिन बजट पेश होगा और बचे दो दिन इनमें गैर-आधिकारिक बिलों पर चर्चा होगी। 4 दिनों में कैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हो सकती है।
खड़गे ने कहा कि सरकार बस जल्दबाजी में काम निपटाना चाहती है ताकि चुनाव की तैयारियां कर सके।
राष्ट्रपति ने आज संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि देश में सुशासन के प्रति सजग लोगों में देश के किसी न किसी हिस्से में लगातार हो रहे चुनाव से अर्थव्यवस्था और विकास पर पडऩे वाले विपरीत प्रभाव को लेकर चिंता है। उन्होंने कहा कि बार-बार चुनाव होने से मानव संसाधन पर बोझ तो बढ़ता ही है, आचार संहिता लागू होने से देश की विकास प्रक्रिया भी बाधित होती है। इसलिए एक साथ चुनाव कराने के विषय पर चर्चा और संवाद बढऩा चाहिए तथा सभी राजनीतिक दलों के बीच सहमति बनाई जानी चाहिए।
बजट सत्र के प्रथम दिन अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति ने सभी दलों का आह्वान किया कि राष्ट्र निर्माण एक अनवरत प्रक्रिया है, जिसमें देश के हर व्यक्ति की अपनी-अपनी भूमिका है। कोविंद ने कहा, ‘‘हम सभी का कर्तव्य है कि देश के सम्मुख अनुकरणीय आचरण प्रस्तुत करें।