टेबल के बगल से गुजरी 18 साल की सोनिया पर उसी वक्‍त फिदा हो गए थे राजीव गांधी

दुनिया में यूं तो बहुत सी प्रेम कहानियां हैं। परियों वाली प्रेम कहानी, कॉफी वाली प्रेम कहानी, कॉलेज वाली प्रेम कहानी, सड़क, बस, ऑटो, पार्क…. जितने लोग उतनी कहानियां। इन कहानियों के बीच एक ऐसी प्रेम कहानी भी है जिसकी जानकारी आपको होना बेहद जरूरी है। हम बात कर रहे हैं भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और उनकी पत्नी सोनिया गांधी की लव स्टोरी के बारे में। इनकी कहानी भी किसी फिल्म से कम नहीं थी। फिल्मों में अक्सर ही ‘लव एट फर्स्ट साइट’ वाली कहानियां दिखाई जाती हैं, कुछ ऐसी ही कहानी है राजीव गांधी और सोनिया की। दोनों को एक-दूसरे से पहली नजर में ही प्यार हो गया था। साल 1965 में कैंब्रिज में एक ग्रीक रेस्टोरेंट में जब राजीव के बगल से 18 साल की सोनिया गुजरी थीं, उसी वक्त राजीव गांधी उन्हें अपना दिल दे बैठे थे। दोनों की आंखें पहली बार एक-दूसरे से टकराई थीं और वही वो पल था जहां से दोनों की लव स्टोरी शुरू हुई थी।

सोनिया गांधी उन दिनों इटली के ओरबासानो से इंग्लिश की पढ़ाई करने कैंब्रिज के लेनोक्स कॉक स्कूल ऑफ लैंग्वेज आई थीं। उस वक्त कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी की उम्र महज 18 साल थी। एक शनिवार सोनिया अपनी कुछ सहेलियों के साथ सेंट एंड्रयू रोड स्थित ग्रीक रेस्टोरेंट वर्सिटी गई थीं। उनका स्वागत वर्सिटी के मालिक चार्ल्स ने किया था। जब वह वहां पहुंचीं, उस वक्त राजीव गांधी भी वहीं थे और अपने साथियों के साथ लंच कर रहे थे। सोनिया गांधी जैसे ही अपनी सहेलियों के साथ राजीव गांधी के टेबल (टेबल नंबर 11) के बगल से गुजरीं, दोनों की आंखें टकरा गईं। राजीव गांधी ने उनकी तरफ देखा और सोनिया ने भी देखा। दोनों के मन में उसी वक्त एक-दूसरे के लिए प्रेम भावना आ गई।

एबीपी न्यूज के मुताबिक सोनिया की एक पाकिस्तानी सहेली जो उस वक्त वहां मौजूद थीं ताहीर जहांगीर ने बताया कि जैसे ही सोनिया गांधी उस टेबल के बगल से गुजरीं, बातचीत बंद हो गई थी। उन्होंने बताया, ‘कुछ देर बाद बातें फिर से शुरू हो गईं थी, लेकिन मैंने ध्यान दिया कि राजीव गांधी शांत बैठे रहे और कुछ सोचते रहे। उनके चेहरे पर एक अजीब सा भाव था। उन्होंने नैपकीन लिया और उस पर कुछ लिखने लगे। पूरा लिखने के बाद उन्होंने चार्ल्स को आवाज लगाई और उस नैपकीन को एक वाइन की बॉटल के साथ सोनिया तक पहुंचाने को कहा। सोनिया गांधी ने अपनी पुस्तक ‘राजीव’ में भी थोड़ी सी जानकारी देते हुए लिखा था, ‘हमारी आंखें पहली बार उस वक्त टकराईं। मैं अपने दिल की धड़कनों को महसूस कर सकती थी। जहां तक मुझे समझ में आता है वह लव एट फर्स्ट साइट था। बाद में राजीव ने मुझे बताया कि उनके लिए भी ऐसा ही था।’

बस फिर क्या था रेस्टोरेंट में जब राजीव गांधी सोनिया से मिले उन्होंने सारी जिंदगी के लिए उनका हाथ थाम लिया। दोनों जब कैंब्रिज में थे अक्सर साथ में फिल्में देखने जाया करते थे, साथ में काफी समय भी बिताने लगे। दोनों के बीच बहुत गहरी दोस्ती हो गई। सोनिया को राजीव गांधी के परिवार के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं था। उन्हें केवल इतना पता था कि राजीव गांधी का परिवार राजनीति से जुड़ा हुआ है, लेकिन कुछ समय बाद सोनिया को उनके एक परिवार ने प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की तस्वीर दिखाई, जिसके बाद उन्हें पता चला कि भारत में तो राजनीति का नाम ही गांधी है।

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