
नई दिल्ली : समाजवादी का दामन छोड़ बीजेपी में शामिल हुए सांसद राज्यसभा नरेश अग्रवाल ने सपा के प्रति अपनी नाराजगी प्रकट करते हुए एक विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि समाजवादी पार्टी में उनकी तुलना फिल्मों में नाचने और काम करने वाले लोगों के साथ की गई. उनकी यह टिप्पणीजया बच्चन पर थी. उनके इस बयान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि जया बच्चन जी के विषय में नरेश अग्रवाल की टिप्पणी अनुचित एवं अस्वीकार्य है.
छोड़ा सपा का साथ
बता दें कि सोमवार को राज्यसभा सदस्य नरेश अग्रवाल समाजवादी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे. राज्यसभा में उनके बजाए जया बच्चन को तरजीह देने पर सपा को निशाना बनाते हुए उन्होंने कहा था कि पार्टी ने उनकी तुलना फिल्म अभिनेत्री से की है जो फिल्मों में नाचती थी.
अपने बयानों को लेकर पहले भी विवादों में रहे अग्रवाल के भाजपा में शामिल होने के लिए पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया गया, जहां उन्होंने यह टिप्पणी की. इस दौरान केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल सहित भाजपा नेता मौजूद थे.
श्री नरेश अग्रवाल भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए हैं. उनका स्वागत है.
लेकिन जया बच्चन जी के विषय में उनकी टिप्पणी अनुचित एवं अस्वीकार्य है.
जया बच्चन पर की थी टिप्पणी
अग्रवाल ने कहा, ‘मेरी तुलना फिल्मों में नाचने और काम करने वाले लोगों के साथ की गई.’ नरेश अग्रवाल ने यह भी कहा कि राज्यसभा चुनावों में उनका विधायक बेटा भाजपा के पक्ष में मतदान करेगा. नरेश अग्रवाल के बेटे नितिन अग्रवाल अखिलेश सरकार में मंत्री रह चुके हैं और वर्तमान में हरदोई से सपा के विधायक हैं.
सुषमा स्वराज ने किया विरोध
उनके बयान की निंदा करते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा, ‘श्री नरेश अग्रवाल भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए हैं. उनका स्वागत है. लेकिन जया बच्चन जी के विषय में उनकी टिप्पणी अनुचित एवं अस्वीकार्य है.’ भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने अग्रवाल की टिप्पणी से तुरंत पार्टी को अलग बताया और कहा कि उनकी पार्टी सभी क्षेत्रों के लोगों का सम्मान करती है और राजनीति में उनका स्वागत करती है.
सपा के छह सांसदों की राज्यसभा सदस्यता खत्म
राज्यसभा सदस्य के तौर पर अग्रवाल का कार्यकाल दो अप्रैल को खत्म हो रहा है. समाजवादी पार्टी ने जया बच्चन को एकबार फिर राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया है. यूपी से सपा के छह सांसदों (किरणमय नंदा, दर्शन सिंह यादव, नरेश अग्रवाल, जया बच्चन, मुनव्वर सलीम और आलोक तिवारी) की राज्यसभा की सदस्यता समाप्त हो रही है, लेकिन संख्याबल के आधार पर सपा केवल एक ही नेता को राज्यसभा भेज सकती है. सपा ने जया बच्चन को इसके लिए अपना उम्मीदवार बनाया. सपा के पास सिर्फ 47 वोट हैं, अखिलेश यादव सिर्फ एक नेता को ही संसद भेज सकते हैं. सपा अपने 9 अतिरिक्त वोट पार्टी गठबंधन के तहत बीएसपी उम्मीदवार को देगी.
क्यों नाराज हुए नरेश अग्रवाल
नरेश अग्रवाल की नाराजगी की सबसे बड़ी वजह यह है कि पिछले काफी समय वे राष्ट्रीय राजनीति में सपा के प्रमुख चेहरे रहे हैं. यही नहीं वो राज्यसभा में सबसे ज्यादा मुखर रहे हैं और पार्टी की रीतियों-नीतियों को केंद्रीय स्तर पर उठाते रहे हैं. सपा में जब अखिलेश बनाम मुलायम की जंग छिड़ी हुई थी तब नरेश अग्रवाल ने खुलकर अखिलेश यादव का साथ दिया था. लेकिन इसके बावजूद पार्टी ने जया बच्चन को राज्यसभा भेजने का फैसला किया और उनका पत्ता काट दिया गया.
कई दल बदले अग्रवाल ने
68 साल के नरेश अग्रवाल हरदोई के रहने वाले हैं. वे 1980 में पहली बार कांग्रेस के विधायक चुने गए. इसके बाद 1989 से 2008 तक लगातार यूपी विधानसभा के सदस्य रहे. 1997 में कांग्रेस पार्टी को तोड़कर लोकतांत्रिक कांग्रेस पार्टी का गठन किया था. 1997 से 2001 तक वो यूपी सरकार में ऊर्जा मंत्री रहे. 2003 से 2004 तक पर्यटन मंत्री रहे. 2004 से 2007 तक उन्होंने यूपी के परिवहन मंत्री का कार्यभार संभाला. बाद में वे राज्यसभा के लिए चुने गए और संसद की कई कमेटियों में महत्वपूर्ण पदों पर रहे.