समुद्री प्रदूषण को रोकेगी मोदी सरकार, उठाया बड़ा क़दम

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दक्षिण एशियाई समुद्री क्षेत्र में तेल तथा रासायनिक प्रदूषण पर सहयोग के लिए भारत और दक्षिण एशिया सहकारी पर्यावरण कार्यक्रम (एसएसीईपी) के बीच समझौता ज्ञापन को स्‍वीकृति दे दी है।

समझौता ज्ञापन का उद्देश्‍य भारत और दक्षिण एशियाई समुद्री क्षेत्र के देश यानी बांग्‍लादेश, मालदीव, पाकिस्‍तान और श्रीलंका के बीच क्षेत्र में समुद्री पर्यावरण की सुरक्षा के लिए घनिष्‍ठ सहयोग को प्रोत्‍साहित करना है।

समझौता ज्ञापन के अंतर्गत भारतीय तटरक्षक (आईसीजी) सक्षम राष्‍ट्रीय प्राधिकार होगा और ‘क्षेत्रीय तेल बिखराव आपात योजना’को लागू करने के लिए संचालन की दृष्टि से संपर्क सूत्र होगा। भारतीय तटरक्षक भारत सरकार की ओर से तेल और रसायन के बिखराव का समुचित उत्‍तर देगा। आईसीजी समुद्री बचाव समन्‍वय केंद्र (एमआरसीसी) समुद्री दुर्घटनाओं के लिए राष्‍ट्रीय आपदा अनुक्रिया केंद्र होगा।

दक्षिण एशियाई क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण, प्रबंधन और प्रोत्‍साहन को समर्थन देने के लिए 1982 में श्रीलंका में अफगानिस्‍तान, बांग्‍लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल और श्रीलंका की सरकारों ने एसएसीईपी की स्‍थापना की।

एसएसीईपी ने इंटरनेशनल मेरीटाइम ऑर्गनाइजेशन (आईएमओ) के साथ संयुक्‍त रूप से ‘क्षेत्रीय तेल बिखराव आपात योजना’ विकसित की ताकि बांग्‍लादेश, भारत, मालदीव, पाकिस्‍तान तथा श्रीलंका के समुद्रों में तेल प्रदूषण की बड़ी घटना से निपटने के लिए अंतराष्‍ट्रीय सहयोग और पारस्‍परिक सहायता की तैयारी की जा सके।

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