
नई दिल्ली :
सहयोगी दलों के साथ संबंधों और दलित सांसदों की सीएम योगी अदित्यनाथ से नाराजगी और दूसरी चुनौतियों के बीच पार्टी अध्यक्ष अमित शाह लखनऊ पहुंच रहे हैं। जहां नाराज सहयोगियों और सांसदों को मनाने की कोशिश की जाएगी।
2019 के चुनाव के पहले राज्य में पार्टी की स्थिति मजबूत करने की और सहयोगी दलों के साथ संबंधो को लेकर मंथन किया जाएगा।
पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को केंद्र की सत्ता में लाने में यूपी ने अहम भूमिका निभाई थी। ऐसे में नाराज सांसदों और सहयोगियों से चर्चा कर उनकी शिकायतों को सुना जाएगी।
इसके अलावा राज्य में कई चुनौतियों का सामना कर रही पार्टी को दिशा भी दिखाने की कोशिश की जाएगी। खास कर अपना दल और सुहेलदेव समाज पार्टी जैसे सहयोगी दलों ने सीएम योगी के काम करने के तरीके को लेकर नाराज़गी जताई है। इसके अलावा दलित सांसदों की शिकायतें पार्टी आलाकमान के लिये चिंता का विषय है।
राज्य में संभावित एसपी और बीएसपी के गठबंधन को लेकर भी पार्टी को रणनीति बदलनी पड़ रही है। ऐसे में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह राज्य सरकार के मंत्रियों, पार्टी पदाधिकारियों और सहयोगी दलों के नेताओं से मुलाकात कर 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति पर बातचीत करेंगे।
फौरी तौर पर योगी मंत्रिमंडल में फेरबदल की संभावना है और इस पर भी चर्चा की जा सकती है। जिसके तहत पिछड़ी और दलित वर्ग के नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल करने की संभावनाएं हैं।
इसके अलावा पिछड़ी और दलित वर्ग के नेताओं के पार्टी की बड़ी जिम्मेदारी भी दी जा सकती है।