Flipkart को खरीदने के करीब पहुंची Walmart

नई दिल्ली। बहुराष्ट्रीय रिटेल दिग्गज वालमार्ट इंक घरेलू ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट को खरीदने के बेहद करीब पहुंच गई है। सूत्रों के मुताबिक वालमार्ट ने फ्लिपकार्ट का बाजार मूल्य करीब 2,000 करोड़ डॉलर (1.3 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा) लगाया है। इस मूल्य पर वह फ्लिपकार्ट में कुल 60 फीसद हिस्सेदारी खरीदने के लिए वालमार्ट 1,200 करोड़ डॉलर (78,000 करोड़ रुपये से ज्यादा) तक का ऑफर देने को तैयार है।

हालांकि सौदे में वालमार्ट को टक्कर दे रही ग्लोबल ई-कॉमर्स दिग्गज अमेजन ने अभी तक उम्मीदें नहीं छोड़ी हैं और वह सौदा अपने पक्ष में करने की पूरी कोशिशों में जुटी है। सूत्रों का यह भी कहना था कि घरेलू ई-कॉमर्स कंपनी के ज्यादातर निवेशक इस मूल्य पर वालमार्ट के हाथों अपना हिस्सा बेचने को तैयार हैं। इनमें जापान के सॉफ्टबैंक, टाइगर ग्लोबल मैनेजमेंट, एक्सेल और नैस्पर्स जैसे बड़े निवेशकों के नाम शामिल हैं।

हालांकि इस बारे में फ्लिपकार्ट या वालमार्ट ने किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया। वहीं, सॉफ्टबैंक ने कहा कि वह अनुमानों पर कोई टिप्पणी नहीं करता। लेकिन सूत्रों का कहना था कि वालमार्ट के साथ फ्लिपकार्ट का सौदा जल्द हो सकता है।

सूत्रों के मुताबिक अमेजन ने फ्लिपकार्ट की कीमत 22,000 करोड़ डॉलर लगाई थी, जो वालमार्ट के लगाए दाम से ज्यादा है। इसके अलावा वह फ्लिपकार्ट को 200 करोड़ डॉलर (13,000 करोड़ रुपये) का ब्रेक-अप शुल्क देने को भी तैयार थी।

लेकिन एक सूत्र के मुताबिक भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) से मंजूरी के वक्त फ्लिपकार्ट-अमेजन सौदा मुश्किल में पड़ सकता था, क्योंकि दोनों ही भारत में ई-कॉमर्स क्षेत्र की शीर्ष कंपनियां हैं। इसके अलावा अमेजन से करार के तहत ड्यू डिलिजेंस प्रक्रिया के दौरान फ्लिपकार्ट को संवेदनशील कारोबारी आंकड़े अमेजन के साथ साझा करने पड़ते, जो किसी सूरत में सौदा टूट जाने पर फ्लिपकार्ट के कारोबार के लिए घातक साबित हो सकता था।

संभावित सौदे के बारे में ग्रेहाउंड रिसर्च के चीफ एनालिस्ट व सीईओ संचित वीर गोगिया ने कहा कि वालमार्ट के साथ जाने से फ्लिपकार्ट को घरेलू बाजार में अपनी स्पर्धी अमेजन के साथ मुकाबला करने में बड़ी मदद मिलेगी।

गौरतलब है कि पिछले वर्ष सॉफ्टबैंक विजन फंड ने फ्लिपकार्ट में 20 फीसद हिस्सेदारी के लिए 2,500 करोड़ डॉलर निवेश किया था।

वहीं, अमेजन के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) ब्रायन ओल्सावस्की ने निवेशकों को बताया था कि कंपनी के लिए भारत बेहद महत्वपूर्ण बाजार है। इस बाजार में कंपनी अपने परिचालन को मजबूती देने के लिए 500 करोड़ डॉलर (32,500 करोड़ रुपये) तक निवेश करेगी।

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