
नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2018 में बैंकिंग फ्रॉड्स के चलते 21 सार्वजिनक क्षेत्र के बैंकों को कुल 25775 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। यह राइट टू इंफॉर्मेशन के जवाब में सामने आया है। इसमें सबसे ज्यादा नुकसान पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) को हुआ है। पीएनबी के 31 मार्च को खत्म हुए वित्त वर्ष के दौरान कई फ्रॉड के मामले सामने आए। इसके चलते इसे 6461.13 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
आपको बता दें कि यह आरटीआई चंद्रशेखर गौड़ ने रिजर्व बैंक के पास डाली थी। उन्होंने बताया कि उन्हें जो जवाब 15 मई को मिला ता उसमें किसी विशेष बैंकिंग फ्रॉड का उल्लेख नहीं था। अबतक के सबसे बड़े बैंकिंग फ्रॉड जिसमें नीरव मोदी, मेहुल चौकसी और पीएनबी के अधिकारी शामिल हैं, की मौजूदा समय में सीबीआई जांच कर रही है। जांच एजेंसी ने मुंबई के स्पेशल सीबीआई कोर्ट में दो चार्ज शीट्स दायर की हैं जिनका संबंध 12,636 करोड़ रुपये के पीएनबी फ्रॉड से है।
आरटीआई में बताया गया है कि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को इस दौरान विभिन्न बैंकिंग फ्रॉड्स के चलते 2390.75 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। वहीं, बैंक ऑफ इंडिया को 2,224.86 करोड़, बैंक ऑफ बड़ौदा को 1,928.25 करोड़ रुपये, इलाबाबाद बैंक को 1,520.37 करोड़, आंध्रा बैंक को 1,303.30 करोड़ का और यूको बैंक को 1224.64 करोड़ रुपये का हुआ है।
आरटीआई के जवाब में बताया गया है कि आईडीबीआई बैंक को 1,116.53 करोड़, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को 1,095.84 करोड़, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को 1,084.50 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ महाराष्ट्र को 1029.23 करोड़ रुपये और इंडियन ओवरसीज बैंक को 1015.79 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।