अपने ही दांव में फंसे राहुल, विपक्षी एकजुटता के अंदर सेंध लगाने में सफल रहे मोदी !

नई दिल्‍ली । शुक्रवार को लोकसभा में अविश्‍वास प्रस्‍ताव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्ष का जबाव देते हुए प्रत्‍यक्ष या अप्रत्‍यक्ष रूप से विपक्षी एकजुटता के अंदर सेंध लगाने में सफल रहे। दरअसल, राहुल गांधी का एक बयान कि -प्रधानमंत्री हमसे आंख से आंख मिलाकर बात नहीं कर सकते, कांग्रेस अध्‍यक्ष के लिए उलटा पड़ गया। राहुल के इस चुनौती के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘मेरी क्‍या औकात कि आप से आंख से आंख मिलाकर बात करूं।’ इसी बहाने प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस के चरित्र पर हमला करते हुए कहा कि इतिहास गवाह है कि कांग्रेस से जिसने भी नजर मिलाई उसको कहीं का नहीं छोड़ा गया।

मोदी ने बहुत कुशलता से राहुल के इस बयान को नेहरू-गांधी परिवार के अहंकार से जोड़ते हुए कहा कि आपसे (नेहरू-गांधी परिवार) आंख कौन मिला सकता है। उन्‍होंने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने कोशिश की थी। मोरारजी देसाई ने कोशिश की थी। चौधरी चरण सिंह ने किया था। कांग्रेस की सहयोगी एनसीपी नेता शरद पवार ने किया था। इसी क्रम में सदन में बैठे जेडी(एस) नेता एचडी देवेगौड़ा की ओर इशारा करते हुए उनका भी नाम लिया। अंत में तंज कसते हुए प्रणब मुखर्जी का भी नाम लिया। उन्‍होंने कहा कि इन सभी ने नेहरू-गांधी परिवार से आंख मिलाने की कोशिश की, आखिर इनका क्या हाल किया गया। ये सभी जानते हैं।

इतिहास की यादों को ताजा करते हुए उन्‍होंने कहा कि ये सभी वही नेता हैं, जिन्होंने कांग्रेस नेतृत्व या यूं कहें नेहरू-गांधी परिवार को चुनौती दी थी। कांग्रेसी नेता शरद पवार ने तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के विदेशी मूल का मुद्दा उठाकर कांग्रेस से अलग होकर नई पार्टी एनसीपी बनाई थी। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भी उम्मीद थी कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की मौत के बाद प्रधानमंत्री की कुर्सी उन्हीं को मिलेगी। प्रणब कांग्रेस से अलग भी हुए थे। लेकिन बाद में कांग्रेस में वापस आ गए।

चौधरी चरण सिंह के पुत्र अजीत सिंह की पार्टी रालोद आज कांग्रेस के साथ है। जेडी (एस) नेता एचडी देवेगौड़ा भी कांग्रेस के खिलाफ बने गठबंधन के दौरान ही देश के प्रधानमंत्री बने थे। लेकिन आज कर्नाटक में कांग्रेस के साथ जेडी (एस) सरकार चला रही है और उनके बेटे एच डी कुमारस्वामी राज्य के मुख्यमंत्री हैं।

मोदी ने विपक्षी दलों को सचेत करते हुए कहा कि कांग्रेस तो डूब रही है और उसके साथ जो दल है उन्हें भी ले डूबेगी। दरअसल, मोदी के खिलाफ विपक्षी दलों का महागठबंधन बनाने की जो कवायद हो रही है, कांग्रेस उसकी धुरी बनती नजर आ रही है। कर्नाटक सरकार के शपथ ग्रहण के दौरान विपक्षी दलों का एक मंच पर आना इसकी तस्दीक कर चुका है. हाल ही में बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपनी पार्टी के उपाध्यक्ष को राहुल गांधी पर की गई टिप्पड़ी के लिए पार्टी से निकाल दिया था. क्योंकि मायावती यह नहीं चाहती थीं कि किसी भी वजह से सहयोगी दलों में खटास पैदा हो।

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