पाकिस्तान के चुनाव में पहली बार होगा ऐसा जो इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ

इस्लामाबाद: पाकिस्तान में कल होने वाले आम चुनाव में सुरक्षा के मद्देनजर 3,70,000 से अधिक सैनिकों को तैनात किया गया है. देश के इतिहास में यह चुनाव के दिन अब तक की सर्वाधिक सैन्य तैनाती है. देश भर में चुनाव प्रचार कल आधी रात थम गया. चुनाव प्रचार के दौरान अनेक आंतकवादी हमले हुए. पाकिस्तानी सेना ने कहा है कि वह 25 जुलाई को चुनाव के दिन 85,000 मतदान केन्द्रों में 3,71,388 सैनिकों को तैनात करेगी. देश के इतिहास में किसी भी चुनाव में यह सैनिकों की सर्वाधिक तैनाती होगी.

सेना ने एक बयान में कहा, ‘‘देश भर में सैनिकों को तैनात करने का कार्य पूरा हो गया है
सेना ने एक बयान में कहा, ‘‘देश भर में सैनिकों को तैनात करने का कार्य पूरा हो गया है . ’’ इसमें कहा गया कि सैनिक स्थानीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिल कर मतदान के लिए सुरक्षित माहौल बनाएंगे. सुरक्षा बलों ने आगाह किया है कि मुख्यधारा के राजनीतिक दलों के नेताओं तथा कुछ उम्मीदवारों की सुरक्षा को गंभीर खतरा है. गौरतलब है कि देश में चुनाव प्रचार और उम्मीदवारों को निशाना बनाते हुए अनेक आंतकवादी हमले हुए हैं. इनमें बलूचिस्तान प्रांत में 13 जुलाई को हुआ हमला भी शामिल हैं जिसमें 151 लोग मारे गए थे.

सेना को मजिस्ट्रेट की शक्तियां हासिल होने की रिपोर्ट के बाद सेना की भूमिका पर भी प्रश्न उठे हैं
सेना को मजिस्ट्रेट की शक्तियां हासिल होने की रिपोर्ट के बाद सेना की भूमिका पर भी प्रश्न उठे हैं. पाकिस्तान के चुनाव आयोग को मतदान केन्द्र के भीतर और बाहर सेना तैनात करने पर आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा है. सेना प्रमुख जनरल कमर बाजवा ने आश्वस्त किया है कि चुनावी ड्यूटी में तैनात सेना के जवान कड़ाई से आचार संहिता का पालन करेंगे. जनरल बाजवा ने यह भी कहा है कि सेना चुनाव में केवल सहायक भूमिका निभाएगी और चुनाव प्रक्रिया ईसीपी के नियंत्रण और प्राधिकार में होगी.

पाकिस्तान में थमा चुनाव प्रचार, नवाज और इमरान की पार्टी के बीच कड़ा मुकाबला
पाकिस्तान में बुधवार को होने वाले आम चुनाव के लिए दो महीने से चल रहा प्रचार का दौर सोमवार मध्यरात्रि को समाप्त हो गया. इसके मद्देनजर विभिन्न राजनीतिक दलों के उम्मीदवार और नेता जनसभाओं, नुक्कड़ सभाओं और घर-घर जाकर मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की आखिरी कोशिशों में लगे रहे. इसमें पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पीएमएल-एन और क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान की पार्टी पीटीआई के बीच 25 जुलाई के चुनाव में कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है.

12 हजार उम्‍मीदवार मैदान में
हालांकि पाकिस्तान में आम चुनाव को लेकर मतदाताओं में बहुत अधिक उत्साह देखने को नहीं मिल रहा है और सुरक्षा की स्थिति भी तनावपूर्ण बनी हुई है. पाकिस्तान के कई कट्टर मौलवियों सहित 12,570 से अधिक उम्मीदवार संसद और चार प्रांतीय विधानसभाओं के लिए चुनावी मैदान में हैं. नेशनल असेंबली के लिए 3,675 और प्रांतीय विधानसभाओं के लिए 8,895 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. पाकिस्तान निर्वाचन आयोग ने कहा है कि नियमों के मुताबिक प्रचार अभियान सोमवार मध्यरात्रि तक खत्म हो जाना चाहिए ताकि मतदाताओं को सोच-विचार का समय मिले और वह 25 जुलाई को होने वाले मतदान में हिस्सा लेने की तैयारी कर सकें.

लगेगा जुर्माना
इस समय सीमा के बाद कोई भी उम्मीदवार या पार्टी नेता जनसभाओं या नुक्कड़ सभाओं को संबोधित नहीं कर सकेगा और ना ही रैली निकाल सकेगा. चुनाव आयोग के अधिकारियों के मुताबिक इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया भी राजनीतिक विज्ञापनों के प्रसारण और प्रकाशन से परहेज करेंगे. आयोग के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वालों को दो साल तक की जेल की सजा या एक लाख रुपये तक जुर्माना हो सकता है. पूर्व के चुनावों के मुकाबले इस बार चुनाव प्रचार को लेकर मतदाताओं में बहुत अधिक उत्साह देखने को नहीं मिल रहा है.

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