
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अपने गृह राज्य गुजरात का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने आवास योजनाओं की लाभार्थी महिलाओं के साथ बातचीत की, अपराध को रोकने के लिए फोरेंसिक विज्ञान का महत्व बताया और करोड़ोंं रुपये की परियोजनाएं राज्य को समर्पित की.
यह स्पष्ट रूप से उन विकास परियोजनाओं को प्रदर्शित करने का प्रयास था जिन्हें उन्होंने गुजरात सीएम के रूप में शुरू किया था. इसी के साथ यह अगले लोकसभा चुनाव के लिए अपनी स्थिति मजबूत करने की भी कोशिश थी.
आम चुनाव से पहले पीएम का लोगों तक पहुंचने की वजह वलसाड में उनकी पहली बैठक से स्पष्ट था, जहां उन्होंने राज्य के 26 जिलों की ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ की लाभार्थी महिलाओं से बातचीत की. करीब 1.15 लाख महिलाओं को उनके घर सौंपे गए हैं.
उत्तर गुजरात में अंबाजी से दक्षिण गुजरात में उमरगम तक फैले आदिवासी बेल्ट के लिए पीने योग्य पानी प्रदान करने के उद्देश्य से एक बड़ी सिंचाई और जल आपूर्ति परियोजना का आधारशिला भी रखी गई थी.
प्रधानमंत्री ने बेटियों की शिक्षा, उनके स्थानीय प्रतिनिधियों और मिठाइयों के बारे में प्रश्न पूछकर घर प्राप्त करने वालों से संपर्क जोड़ने की कोशिश की.
जिन लोगों से प्रधानमंत्री बात कर रहे हैं उन्हें पहले से प्रशिक्षित नहीं किया गया है यह सुनिश्चित करने के लिए पहले एक संदेश बाहर भेजा गया. प्रधानमंत्री ने राजकोट की एक महिला लाभार्थी से पूछा कि क्या योजना के तहत घर पाने के लिए उन्हें रिश्वत देनी पड़ी? कच्छ जिले की महिलाओं से उन्होंने पूछा कि क्या घर की गुणवत्ता सही है? उन्होंने कहा कि अगर नहीं है तो आप मुझे बता सकती हैं.
जूनागढ़ में उन्होंने 500 करोड़ रुपये की 9 परियोजनाओं के शिलान्यास का वायदा किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि जूनागढ़ में एक नया सिविल अस्पताल और मेडिकल कॉलेज लोगों के लिए जीवन रेखा साबित होंगे. उन्होंने कहा कि उनका सपना है कि गुजरात के हर सिविल अस्पताल से एक मेडिकल कॉलेज जुड़ा होना चाहिए.
शाम को गांधीनगर में फोरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी के चौथे दीक्षांत समारोह में बोलते हुए उन्होंने मजाक करते हुए छात्रों से कहा, “मुझे पूरा यकीन है कि लोगों ने आपको जरूर पूछा होगा कि क्या आप सच में यहीं कोर्स करना चाहते हैं? मुझे आशा है कि आप ज्यादा क्राइम शो नहीं देख रहे होंगे या फिर अगाथा क्रिस्टी के उपन्यास नहीं पढ़ रहे होंगे.”
इसी के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने एक गंभीर टिप्पणी की और कहा, “यह महत्वपूर्ण है कि अपराधियों के अहसास हो कि वे अनिवार्य रूप से पकड़े जाएंगे. अगर ऐसा होता है तो यह न्यायिक तंत्र को मजबूत करेगा.”
उन्होंने साइबर क्राइम के खतरे के बारे में भी बात की और बताया कि कैसे विशेषज्ञ और फोरेंसिक साइंसेज विश्वविद्यालय खतरे को रोकने में मदद कर सकता है. अपने दौरे को समाप्त करने से पहले प्रधानमंत्री ने गांधीनगर में सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट की एक बैठक में भी भाग लिया