
वॉशिंगटन. अमेरिका में रहने वाले प्रवासियों के लिए आने वाले समय में ग्रीन कार्ड पाना मुश्किल हो सकता है। ट्रम्प प्रशासन ने हाल ही में एक नया प्रस्ताव रखा है, जिसके तहत अमेरिका में सरकारी सुविधाओं का फायदा उठाने वाले लोगों को ग्रीन कार्ड देने से इनकार किया जा सकता है। नए नियमों से अमेरिका में रहने वाले हजारों भारतीयों पर उल्टा असर पड़ सकता है।
पुराने नियमों को पारदर्शी बनाना लक्ष्य
पुराने संघीय कानून के मुताबिक, प्रवासियों को वीजा पाने के लिए यह साबित करना होता है कि वे सरकारी सुविधाओं का फायदा नहीं उठाएंगे और ना ही सरकार पर बोझ बनेंगे। लेकिन नए प्रस्ताव में नियम और शर्तों की लंबी फेहरिस्त है।
अमेरिकी गृह विभाग में सुरक्षा मंत्री कर्स्टन नील्सन का कहना है कि सरकार सिर्फ अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए नियमों को पारदर्शी बनाना चाहती है। नए नियम के जरिए हम सुनिश्चित करेंगे कि प्रवासी अमेरिकी टैक्स दाताओं पर बोझ ना बनें।
भारतीयों पर पड़ सकता है नकारात्मक असर
ट्रम्प प्रशासन के नए प्रस्ताव का सबसे बुरा असर भारतीयों पर पड़ सकता है। इसी साल अप्रैल तक ग्रीन कार्ड के लिए 6,32,219 भारतीय प्रवासी आवेदन कर चुके थे। लोगों के पास अब प्रस्तावित नियम पर टिप्पणी करने के लिए 60 दिन का समय है। माना जा रहा है कि प्रस्तावित नियम के लागू होने पहले इसमें बदलाव किए जा सकते हैं।
सिलिकॉन वैली की टेक कंपनियों के साथ कुछ नेताओं ने भी नए नियमों की आलोचना की है। फेसबुक, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और याहू जैसी कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाले समूह एफडब्ल्यूडी.यूएस ने भी प्रस्ताव का विरोध किया है।
एफडब्ल्यूडी के अध्यक्ष टॉड शुल्ट के मुताबिक, इस नीति से अमेरिका को आने वाले समय में नुकसान होगा। लॉस एंजिल्स के मेयर एरिक गारसेटी ने कहा कि यह प्रस्ताव एक अपमान से ज्यादा कुछ नहीं है।