
मोगर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम का अमूल डेरी के उप-चेयरमैन राजेंद्रसिंह परमार व पांच अन्य निदेशकों ने बहिष्कार किया। रविवार (30 सितंबर) को प्रधानमंत्री ने यहां पर एक चॉकलेट प्लांट व अन्य प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन किया था। बोरसद से कांग्रेस विधायक परमार ने कहा, ”मैं कार्यक्रम में नहीं किया। मेरे अलावा धीरूभाई चावड़ा, जुवनसिंह चौहान, राजूसिंह परमार, नीताबेन सोलंकी, चंदूभाई परमार भी नहीं गए। मैंने चेयरमैन और प्रबंध निदेशक को बताया था कि मुझे प्रधानमंत्री के दौरे से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन यह एक राजनैतिक कार्यक्रम नहीं होना चाहिए। कार्यक्रम में वह (भाजपा) अपनी पीठ थपथपाते रहे। अमूल को कार्यक्रम से कुछ हासिल नहीं हुआ।” राजेंद्रसिंह अमूल डेरी के बोर्ड के 17 सदस्यों में से एक हैं।
पिछले साल विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़ भाजपा में आने वाले, चेयरमैन रामसिंह परमार व बोर्ड के अन्य सदस्य कार्यक्रम में मौजूद रहे और प्रधानमंत्री मोदी को माला भी पहनाई। राजेंद्रसिंह ने शनिवार को दावा किया था कार्यक्रम को भाजपा ‘हाईजैक’ कर रही है। उन्होंने कहा था कि पार्टी ने कार्यक्रम स्थल को अपने स्थानीय नेताओं के पोस्टर्स और झंडों से पाट दिया है।
परमार ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा, ”मैं पिछले 12 साल से अमूल का उप-चेयरमैन हूं। मेरे पिता भी उप-चेयरमैन थे। तो कई प्रधानमंत्री अमूल आए, लेकिन एक राजनैतिक कार्यक्रम कभी नहीं हुआ। निमंत्रण पत्र पर भी सिर्फ भाजपा नेताओं के नाम हैं। आज मंच पर केवल एक ही पार्टी के नेता दिखाई दिए।”
कार्यक्रम का बहिष्कार करने की वजह बताते हुए कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि डेरी ने कार्यक्रम पर किसानों के 10-15 करोड़ रुपये खर्च कर डाले। कार्यक्रम में आणंद, खेड़ा और वडोदरा के विभिन्न इलाकों से एक लाख से ज्यादा किसान पहुंचे थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को कहा कि दुग्ध प्रसंस्करण क्षेत्र में नवाचार और मूल्य संवर्धन की जरूरत है। उन्होंने कहा, “भारत दुग्ध प्रसंस्करण में अच्छा कर रहा है लेकिन इससे भी बेहतर कर सकता है। अब नवाचार और मूल्य संवर्धन को तवज्जो देने का वक्त आ गया है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि अमूल महज दूध का प्रसंस्करण नहीं करता है बल्कि यह सशक्तीकरण का मॉडल है।