
दक्ष्ािण सागर में एक विवादित द्वीप पाग-असा पर चीनी दस्तक से बीजिंग और फिलीपींस के बीच तनाव बढ़ गया है। फिलीपींस के राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते ने गुरुवार को बीजिंग को आगाह करते हुए कहा कि उसे यहां से तत्काल वापस चले जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि चीन का यह कदम सैन्य कार्रवाई को उकसाने वाला है। बता दें कि इस सप्ताह मनीला में स्थित पैग आसा द्वीप पर सैकड़ों चीनी तटरक्षक और मछुआरों की हलचल ने दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा था। इसके बाद इस विवादित द्वीप पर चीनी सक्रियता ने इस तनाव को और बढ़ा दिया है। आइए हम आपको बताते हैं इस विवादित द्वीप का पूरा सच। आखिर क्यों है चीन की इसमें दिलचस्पी।
फिलीपींस के राष्ट्रपति ने कहा कि ‘इस बाबत मैं न तो चीन से निवेदन करूंगा और न ही विनती। मैं यह कहना चाहूंगा कि हमारी सेना वहां मौजूद है। अगर चीन इस विवादित द्वीप का छूता है तो मेरे मेरे समक्ष केवल यही विकल्प है कि मैं अपने सैनिकों को आत्मघाती मिशन के लिए तैयार होने के लिए कहूंगा।’ राष्ट्रपति ने आगे कहा कि मैं यह भी जानता हूं कि चीन के साथ युद्ध निरर्थक होगा और फिलीपींस इस युद्ध में हार जाएगा और उसे भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। उधर, फिलीपींस के विदेश विभाग ने अपने एक बयान में कहा है कि चीनी जहाजों की मौजुदगी फिलीपींस की संप्रभुता का सरासर उल्लंघन है।
आखिर ड्रैगन की नजर इस द्वीप पर क्यों है। यह कहा जा सकता है चीन की इस विवादित द्वीप पर दिलचस्पी अनायास नहीं है। हम आपको बताते हैं कि चीन की दिलचस्पी की बड़ी वजहें। दरअसल, यह विवादित द्वीप दक्षिण सागर में सामरिक और आर्थिक रूप से बेहद उपयोगी है। इसलिए चीन की नजर इस पर रहती है। इस द्वीप के समीप से गुजरने वाले जलमार्ग से खरबों डाॅलर का व्यापार होता है। यह द्वीप व्यापार और निवेश को आकर्षित करता है। इसके अलावा दक्षिण चीन सागर का समृद्ध पेट्रोलियम भंडार इनके लिए आकर्र्षण का केंद्र रहा है। इसके अलावा इस द्वीप का सामरिक उपयोग भी है। खासकर इस द्वीप की भौगाेलिक स्थिति को देखते हुए यह चीन के लिए बेहद उपयोगी है।