
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर मलविंदर और शिविंदर सिंह ने अदालत के आदेश का उल्लंघन किया तो उन्हें जेल भेज दिया जाएगा। जापान की दवा कंपनी दाइची सैंक्यो के 4,000 करोड़ रुपए के आर्बिट्रेशन अवॉर्ड के मामले में कोर्ट ने यह टिप्पणी की। इस मामले में अदालत ने शुक्रवार को मलविंदर-शिविंदर के जवाब पर नाराजगी जताई। अगली सुनवाई 11 अप्रैल को होगी।
कोर्ट ने 14 मार्च को कहा था कि शिविंदर और मलविंदर दाइची सैंक्यो को 4,000 करोड़ रुपए के भुगतान की योजना पेश करें। इस पर शिविंदर-मलविंदर ने जो जवाब दिया उससे कोर्ट संतुष्ट नहीं है। दाइची सैंक्यो इस रकम के आर्बिट्रेशन अवॉर्ड को लागू करवाने के लिए कोर्ट में लड़ रही है। सिंगापुर ट्रिब्यूनल में उसने 2016 में केस जीता था।
दाइची ने 2008 में मलविंदर-शिविंदर सिंह से रैनबैक्सी को खरीदा था। बाद में उसने आरोप लगाया कि सिंह ब्रदर्स ने रैनबैक्सी के बारे में अहम जानकारियां छिपाईं। उसने सिंगापुर ट्रिब्यूनल में शिकायत की थी।