
नई दिल्ली: ‘यह छोटा आदमी ब्रैडमैन के सबसे करीब की चीज है और कोई कभी होगा। क्या खिलाड़ी है ये।’ – टॉनी ग्रैग
सचिन रमेश तेंदुलकर के बारे में टॉनी ग्रैग के ये बोल शारजाह में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल मैच के दौरान निकले थे। 1998 में अपने 25वें जन्मदिन पर तेंदुलकर ने देशवासियों को एक खास गिफ्ट दिया जो इस जिंदगी में कोई नहीं भूल सकता।
डेजर्ट स्टॉर्म (धूल भरी आंधी) तो गई, लेकिन सचिन तूफान कायम रहा
दो दिन पहले ही डेजर्ट स्टॉर्म और सचिन तूफान ने भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मुकाबले में अपनी छाप छोड़ी थी। सचिन की सर्वश्रेष्ठ वन-डे पारियों में से एक इसे माना जाता है। उन्होंने 143 रन की उम्दा पारी खेलते हुए अकेले के दम पर भारत को फाइनल के लिए क्वालिफाई कराया था। बहरहाल, दो दिन बाद फाइनल में डेजर्ट स्टॉर्म का कहर नहीं दिखा, लेकिन सचिन तूफान कायम रहा।
ऐसा लगा मानो तेंदुलकर एक और मास्टर पारी खेलने को पूरी तरह तैयार हैं। उन्हें जरा भी थकान नहीं है, जो अन्य खिलाडि़यों के चेहरे पर दिख रही थी। भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरूद्दीन ने टॉस जीतकर ऑस्ट्रेलिया को पहले बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया। स्टीव वॉ और डैरेन लीमैन के अर्धशतकों की मदद से ऑस्ट्रेलिया ने 272 रन बनाए।
भारतीय बल्लेबाजी सिर्फ एक बल्लेबाज के ईर्द-गिर्द घूम रही थी। वो कोई और नहीं सचिन तेंदुलकर हैं। मास्टर ब्लास्टर भी अपने मिशन पर थे।
बर्थ-डे ब्वॉय से मिली जीत और फिर…
बर्थ-डे ब्वॉय तेंदुलकर को भाग्य का भी साथ मिला। ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज डेमियन फ्लेमिंग भी इसी दिन अपने बर्थ-डे का जश्न मना रहे थे। वह इन दिन 1998 में 28 साल के हुए थे। मगर जीत सचिन की हुई। फ्लेमिंग की गेंद पर सचिन के बल्ले का अंदरूनी भाग लगा और गेंद स्टंप्स पर नहीं लगकर बाउंड्री लाइन के पार चली गई। इसके बाद सचिन ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
उन्होंने टीम इंडिया को लक्ष्य के करीब पहुंचाने की ठान रखी थी और इस मामले में तेंदुलकर को पिंच हिटर नयन मोंगिया व मोहम्मद अजहरूद्दीन का बखूबी साथ मिला। सचिन की पिछली पारी का इतना प्रभाव था कि ये पारी उसके आगे काफी साधारण लग रही थी। सच्चाई तो ये थी कि ये भी साधारण पारी नहीं थी। बस 143 के सामने 134 का आंकड़ा दबा हुआ दिखा।
कमेंटेटर्स ने ध्यान दिलाया कि सचिन और भी घातक बल्लेबाजी कर रहे हैं। वह 99 गेंदों में 97 रन बना चुके हैं।
पत्नी अंजलि और बेटी सारा का वो मैसेज…
सचिन तेंदुलकर ने टॉम मूडी की गेंद पर फ्लिक करके रन लिया अपना 15वां वन-डे शतक पूरा किया। इसके बाद उन्हें पत्नी अंजलि और बेटी सारा की तरफ से जन्मदिन की शुभकामना मिली, जो कमेंटेटर्स ने सुबह हासिल की थी। अंजलि ने कहा था, ‘अगर सचिन शतक पूरा कर लें तो उन्हें अंजलि और सारा की तरफ से जन्मदिन की शुभकामना दे देना।’ सचिन के शतक पूरा करते ही कमेंटेटर ने माइक पर पत्नी और बेटी की विश तेंदुलकर को दी।
आधे साइज का होकर भी जड़ दिया मीलों दूर का छक्का
ऑस्ट्रेलिया के लिए दुर्भाग्य की बात यह रही कि शतक पूरा करने के बाद भी सचिन तेंदुलकर रूके नहीं। जब तेंदुलकर ने टॉम मूडी की गेंद पर सीधा छक्का जमाया तो टॉनी ग्रैग अपनी हंसी नहीं रोक पाए और ठहाका लगाते हुए कहा, ‘सचिन ने मीलों दूर का छक्का जमाया। छोटे कद के बल्लेबाज ने बड़े कद के गेंदबाज की गेंद पर छक्का जमाया। वह उनके कद के आधे साइज के हैं।’
इसके बाद जब तेंदुलकर ने माइक कास्प्रोविच की गेंद पर छक्का जमाया तो ग्रैग ने मसाला जोड़ते हुए कहा, ‘यह बहुत ऊंचा गया, क्या छक्का है, क्या छक्का है! गेंद छत पर उछल रही है।’ सचिन विवादित एलबीडब्ल्यू फैसले पर आउट होकर पवेलियन लौट गए। उन्होंने 134 रन की धाकड़ पारी खेली। तब टीम इंडिया जीत के करीब पहुंच चुकी थी। अजय जडेजा और ऋषिकेश कानिटकर ने भारत को जीत दिलाई।
सचिन तेंदुलकर को मैन ऑफ द सीरीज चुना गया। उन्हें गिफ्ट में ओपेल एस्ट्रा कार मिली, जिस पर पूरी टीम ने बैठकर मैदान का चक्कर लगाया। सचिन का यह बर्थ-डे गिफ्ट शायद ही कोई फैन भूल सकेगा।
इस तरह के बर्थ-डे और भी आते रहे…
प्रेजेंटेशन सेरेमनी में सचिन ने कहा, ‘मेरी प्रार्थना है कि इस तरह के जन्मदिन और आएं। यह देश के लिए अच्छा है।’ सचिन की ये दोनों पारियां निश्चित ही आज भी फैंस के रोंगटे खड़े कर देती होंगी।