
बेंगलुरु । नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) के खिलाफ राज्य के कई इलाकों में विभिन्न दलों द्वारा आयोजित प्रदर्शनों को देखते हुए कर्नाटक मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा (BS Yediyurappa) ने गुरुवार को कानून के प्रति मुस्लिम समुदायों को शांत कराने की कोशिश की। मुख्यमंत्री ने बुधवार को ऐलान किया कि उनकी सरकार 100 फीसद नागरिकता कानून को कर्नाटक में लागू करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैं अल्पसंख्यक मुसलमान भाइयों से अपील करता हूं, यह कानून किसी भी तरीके से उन्हें प्रभावित नहीं करेगा आपके हित की रक्षा हमारी जिम्मेवारी है। कृप्या सहयोग करें, शांति और व्यवस्था बनाए रखें।’
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘हमने कानून के विरोध में या पक्ष में किसी तरह के प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी है और धारा 144 (Section 144) लागू है। अभी हालात सामान्य हैं, कोई दिक्कत नहीं, किसी को इसके संबंध में कार्यक्रम आयोजित करने की जरूरत नहीं, हर किसी को शांति बनाए रखना चाहिए। पुलिस व्यवस्था की मॉनिटरिंग कर रही है।’
येदियुरप्पा ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित कर राज्यभर में सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा की। बेंगलुरु और मंगलूर समेत राज्य के कई इलाकों में धारा 144 को 21 दिसंबर की मध्यरात्रि तक लागू कर दिया गया है।
विरोध प्रदर्शनों के पीछे कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए येदियुरप्पा ने कहा कि यह केवल कांग्रेस विधायक यूटी खादर जैसे लोगों के कारण हो रहा है। और यदि इस तरह से ऐसा होता रहा तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। हाल ही में खादर ने दावा किया था कि यदि येदियुरप्पा सरकार ने नागरिकता कानून (CAA) लागू करने की कोशिश की तो राज्य को जलाकर राख कर देंगे।
देशभर के विभिन्न इलाकों में इस कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। इस बिल को पिछले सप्ताह संसद के दोनों सदनों में पारित किया गया और राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद यह कानून में बदल गया।
इस कानून के अनुसार 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए गैर मुस्लिमों को भारत की नागरिकता दी जाएगी। ये अवैध शरणार्थी नहीं माने जाएंगे। इस कानून के तहत छ: समुदायों के शरणार्थियों को 11 सालों के बदले पांच सालों में ही भारतीय नागरिकता मिल जाएगी।