दिल्‍ली: 10 दिन में 100 करोड़ की शराब बिकी

दिल्‍ली

दिल्‍ली के लोग शराब के दीवाने हैं। लॉकडाउन के बाद खुली शराब की दुकानों से बिक्री के आंकड़े तो यही बयां करते हैं। लॉकडाउन की वजह से 25 मार्च से शराब की दुकानें बंद थीं। शराब की बिक्री सरकारों के लिए रेवेन्‍यू के सबसे बड़े सोर्सेज में से एक है। उसके बंद हो जाने से दिल्‍ली सरकार की माली हालत खराब होने लगी थी। लॉकडाउन 3 में केंद्र ने छूट दी तो 4 मई से दिल्‍ली में शराब की दुकानें खोलने का फैसला हुआ। लोग शराब की दुकानों पर टूट पड़े। कई जगह लंबी-लंबी लाइनें नजर आईं। कुछ दुकानों पर सोशल डिसटेंसिंग फॉलो ना होने के चलते उन्‍हें बंद भी कराना पड़ा। हालांकि, अगले ही दिन अरविंद केजरीवाल सरकार ने शराब के MRP पर 70 पर्सेंट स्‍पेशल कोरोना फीस वसूलना शुरू कर दिया। इसके बाद भी भीड़ काबू नहीं हुई तो टोकन सिस्‍टम शुरू किया। लोग ऑनलाइन टोकन लेकर तय टाइम-स्‍लॉट पर शराब ले सकते हैं। टाइम्‍स ऑफ इंडिया के पास मौजूद डेटा के मुताबिक, 4 मई से शुक्रवार तक दिल्‍ली सरकार ने 101 करोड़ रुपये की शराब बेची है।

​स्‍पेशल कोरोना फीस से आए 65 करोड़ रुपये
दिल्‍ली के एक्‍साइज डिपार्टमेंट के अनुसार, उन्‍होंने 100 करोड़ रुपये से ज्‍यादा की शराब (MRP) बेची है। इससे उन्‍हें 65 करोड़ रुपये बतौर कोरोना फीस मिले। यह रकम लगभग एक्‍साइज ड्यूटी के बराबर ही है।

दुकानें कम, कलेक्‍शन उतना ही
दिल्‍ली में शराब की बेहद कम दुकानें खुली हैं। इसके बावजूद शराब की डेली बिक्री पिछले साल जितनी ही है।

पिछले साल ऐसा रहा था कलेक्‍शन
२०१९ में एक्‍साइज डिपार्टमेंट ने 860 से ज्‍यादा दुकानों और लगभग 800 बार-पब-क्‍लब्‍स के जरिए रोज करीब 20-22 करोड़ रुपये की शराब बेची थी। तब रोज 15 करोड़ रुपये बतौर एक्‍साइज ड्यूटी मिलते थे।

इस साल भी कोई फर्क नहीं
लॉकडाउन में कोई बार और क्‍लब खुला नहीं है। सिर्फ 20 फीसद दुकानों के जरिए शराब बेची जा रही है। इसके बावजूद एक्‍साइज डिपार्टमेंट डेली एवरेज 10 करोड़ रुपये की MRP सेल कर रहा है। इसमें 6-6.5 करोड़ रुपये एक्‍साइज ड्यूटी तो मिल ही रही है। स्‍पेशल कोरोना फीस के रूप में रोज 7 करोड़ रुपये दिल्‍ली के खजाने में आ रहे हैं।

अब टोकन सिस्‍टम से मिल रही शराब
दिल्‍ली सरकार ने शराब के लिए मारामारी को देखते हुए ई-टोकन व्‍यवस्‍था शुरू कर दी है। अब ग्राहकों को ऑनलाइन टोकन मिलता है। उसमें तय टाइम-स्‍लॉट पर दुकान जाकर शराब लेनी होती है। मगर इस व्‍यवस्‍था के जरिए एक दुकान से घंटे भर में करीब 50 ग्राहकों को ही शराब मिल पाती है।

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