पूर्व कोच गैरी कर्स्टन का खुलासा, सचिन तेंदुलकर ने 2007 में संन्यास लेने का बना लिया था मन, ऐसे की थी मास्टर ब्लास्टर की मदद

भारतीय टीम ने अपनी मेजबानी में 2011 में जब विश्व कप जीता था तो कर्स्टन उस समय टीम के कोच थे। कर्स्टन ने साथ ही खुलासा किया कि सचिन अपनी बल्लेबाजी क्रम से खुश नहीं थे और 2007 में उन्होंने अपने करियर का अंत करने का मन बना लिया था। 2007 में वेस्टइंडीज में हुए विश्व कप में भारतीय टीम ग्रुप चरण से बाहर हो गई थी। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच गैरी कर्स्टन ने भारत के साथ अपने कोचिंग के समय को एक बार फिर से याद किया है। उन्होंने साथ ही दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के साथ अपने संबंधों पर भी बात की।
सचिन ने इस वजह से संन्यास लेने के बारे में सोच रहे थे
कर्स्टन ने टॉकस्पोर्ट्स के पॉडकास्ट में कहा कि उनके (सचिन) साथ मेरी कोचिंग यात्रा शानदार रही। अगर मैं उस समय के सचिन तेंदुलकर की बात करूं, जब मैं भारत आया तो वो संन्यास लेने का मन बना चुके थे। उन्होंने कहा कि उनके अनुसार वह अपने क्रम पर बल्लेबाजी नहीं कर रहे थे, वह अपने क्रिकेट का बिलकुल भी आनंद नहीं उठा रहे थे। कर्स्टन ने मार्च 2008 में भारतीय टीम की कोचिंग पद की जिम्मेदारी संभाली थी और 2011 में उनके कोच रहते हुए ही भारत ने विश्व कप जीता था।
गैरी कर्स्टन के कार्यकाल में सचिन ने जमकर बरसाए रन
कर्स्टन जब तक भारतीय टीम के कोच थे, उस दौरान सचिन ने 38 वनडे मैचों में 1,958 रन बनाए थे। इसमें सात शतक (एक दोहरा शतक भी) शामिल है। उसी दौरान सचिन ने 31 टेस्ट मैचों में 12 शतकों सहित 2910 रन बनाए थे। कर्स्टन ने कहा कि तीन साल बाद उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 18 शतक लगाए। वह उस क्रम पर खेले, जहां पसंद करते थे और हम विश्व कप जीते। उन्होंने कहा कि मैंने सिर्फ यही किया कि खिलाडियों को ऐसा माहौल दिया जाए कि वह प्रदर्शन करने को बेकरार हो। मैंने सचिन से कुछ नहीं कहा। वह अपने खेल को जानते थे। उन्हें सिर्फ माहौल की जरूरत थी। सिर्फ उन्हें ही नहीं बल्कि पूरी टीम को। ऐसा माहौल जहां सब सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सके।

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