
बिहार के नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश शर्मा के साथ पश्चिम बंगाल के तारापीठ के एक होटल कर्मियों द्वारा किए गए अमर्यादित व्यवहार की खबर मीडिया में आने के बाद बिहार में राजनीति गरमा गई है। राजद ने बिहार सरकार पर और मंत्री सुरेश शर्मा पर करारा हमला बोला है। तेजस्वी यादव ने मंत्री को गुंडा करार दिया है।
तेजस्वी ने कहा- क्या अपने गुंडा मंत्री से इस्तीफा नहीं लेंगे नीतीश
घटना के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा- ‘नीतीश कुमार के मंत्री पश्चिम बंगाल में गुंडागर्दी कर रहे हैं, मंत्री और उनके गुंडे होटल स्टॉफ को पीट रहे हैं, बीजेपी के गुंडे बिहार को बदनाम कर रहे हैं, मंत्री सुशील मोदी के आंख के तारे हैं, क्या मुख्यमंत्री उनसे इस्तीफे की मांग करेंगे?
यह बिहार की बड़ी विडंबना है कि मीडिया ने बगैर तथ्यों को वैरिफाई किए ही कह दिया कि मंत्री पर हमला हुआ है, जबकि मंत्री के समर्थकों ने वहां गुंडागर्दी की।’
आप्त सचिव ने कहा-मंत्री को सुरक्षा नहीं उपलब्ध कराई गई
नगर विकास एवं आवास विभाग के मंत्री सुरेश शर्मा के आप्त सचिव संजीव कुमार ने फेसबुक वॉल पर लिखा- ‘माननीय नगर विकास मंत्री श्री सुरेश कुमार शर्मा जी के तारापीठ दौरा के दौरान पश्चिम बंगाल स्थित होटल सोनार बांग्ला में हमला किया गया। पश्चिम बंगाल सरकार मंत्री को पूर्व सूचना के बावजूद प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते हुए किसी भी प्रकार की सुरक्षा मंत्री को उपलब्ध नहीं करवाई गई थी।’
आप्त सचिव ने आगे लिखा- ‘मंत्री के सुरक्षाकर्मियों को उनको बचाने के दौरान चोट आई है और पश्चिम बंगाल सरकार सोई पड़ी है । राज्य सरकार की यह उदासीनता आश्चर्यजनक और निंदनीय है। बिहार के लोग तारापीठ में एकत्रित हो चुके हैं और हम लोग दोषियों पर कार्रवाई सुनिश्चित करवा कर ही दम लेंगे।
उन्होंने कहा कि माननीय मंत्री पूरी तरह से सुरक्षित हैं। मंत्री श्री शर्मा पूजा अर्चना करने तारापीठ आए थे। कुछ लोग भ्रामक प्रचार कर रहे हैं और उन्हें शर्म आनी चाहिए।’
राजद नेता शक्ति सिंह ने कहा-मंत्री का कराएं मेडिकल टेस्ट
राजद नेता शक्ति सिंह ने कहा कि बिहार में शराबबंदी है और शायद मंत्री जी अपना शौक पूरा करने के लिए बिहार से बाहर गए थे। उन्होंने हंगामा मचाया है, उनका मेडिकल टेस्ट कराया जाना चाहिए कि क्या उन्होंने शराब का भी सेवन तो नहीं किया था।
जानिए क्या है पूरा मामला
बिहार के शहरी विकासमंत्री सुरेश शर्मा नये साल के पहले दिन तारापीठ में पूजा अर्चना के लिए पहुंचे थे। तारापीठ में पूजा अर्चना के बाद शाम चार बजे के करीब मंत्री लौटकर होटल पहुंचे। होटल सोनार बांग्ला को मंत्री ने ठहरने के लिए बुक किया था।
होटल पहुंचने के बाद मंत्री ने वहां के मैनेजर को कहा कि वे वापस बिहार लौट रहे हैं, इसलिए होटल की बुकिंग को कैंसिल किया जाय। इसके बाद मंत्री ने बुकिंग के पैसे वापस करने के लिए कहा। लेकिन होटलकर्मी ने मंत्री से कहा कि आपने ऑनलाइन बुकिंग की है इसलिए पैसे आपके एकाउंग में आ जाएंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो इस बात से मंत्री के समर्थक आगबबूला हो गए और मैनेजर को पीट दिया। इस दौरान होटल के स्टॉफ और मंत्री समर्थकों में मारपीट की भी खबर है। हालांकि होटल के रिसेप्शन पर लगे सीसीटीवी कैमरे में पूरा वाक्या रिकॉर्ड हो गया।
जानकारी के अनुसार, मंत्री ने 15 हजार रुपये में यहां पर कमरे की बुकिंग की थी। यह बुकिंग ऑन लाइन हुई थी। मंत्री सुरेश शर्मा जब होटल पहुंचे तो उन्होंने कहा कि उन्हें होटल पसंद नहीं है, बुकिंग का पैसा वापस दे दिया जाए। होटलकर्मियों ने कहा कि ऐसा करना संभव नहीं है। ऑन लाइन बुकिंग हुई है, इसलिए ऑनलाइन ही रुपये भेजा जाएगा।
मंत्री ने किया मारपीट-मैनेजर
होटल मैनेजर सुनील गिरी ने कहा कि सुरेश शर्मा पहले तो कर्मियों को गालियां दी। इसके बाद मारपीट पर उतर आए। होटल में रखे दस्तावेजों को फेंक दिया। साथ ही कम्प्यूटर को भी तोड़ डाला।
इसके बाद सभी होटलकर्मी एकत्रित हो गए। होटलकर्मियों की एकजुटता को देखकर मंत्री और उनके सुरक्षाकर्मी जिस गाड़ी से आए थे उससे चले गए। होटल प्रबंधन द्वारा थाने में शिकायत दर्ज करायी गयी है। फिलहाल, पुलिस मामले की जांच कर रही है।
सुरेश शर्मा ने कहा- हमारे साथ बदसलूकी हुई है
शर्मा ने दैनिक जागरण से बातचीत में बताया कि होटल कर्मियों द्वारा किए गए हमले में उनके ड्राइवर और अंगरक्षक घायल हो गए हैं। मंत्री के निजी सचिव संजीव कुमार ने पूरे मामले में तारापीठ स्थित स्थानीय थाना में होटल कर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।
बकौल शर्मा, मुख्यमंत्री और पुलिस महानिदेशक पीके ठाकुर ने फोन कर पूरी घटना की जानकारी ली। मंत्री पश्चिम बंगाल सरकार पर पूर्व सूचना के बावजूद प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि घटना की सूचना के बावजूद पश्चिम बंगाल सरकार उदासीन बनी हुई है।
नगर विकास मंत्री ने बताया कि घटना के बाद स्थानीय थाना को सूचना दी गई, लेकिन पुलिस भी मूकदर्शक बनी रही। इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय को घटना की सूचना दी गई। गृह मंत्रालय ने मामले को गंभीरता से लिया। मंत्री के अमर्यादित व्यवहार की सूचना पर सैकड़ों की संख्या में स्थानीय बिहारी भी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं।
घटना पर संज्ञान लेते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार की शाम फोन पर मंत्री शर्मा से कुशल-क्षेम पूछा। वहीं, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भी उनका हालचाल जाना।