
पेशावर । अफगानिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठन तालिबान ने इस महीने अमेरिका के साथ सऊदी अरब में बैठक करने से इन्कार कर दिया है। वह चाहता है कि यह बैठक कतर में हो। कतर में तालिबान का राजनीतिक मुख्यालय है। तालिबान के इस फैसले से अहम बैठक में अफगानिस्तान को शामिल करने की सऊदी अरब की कोशिशों पर पानी फिर सकता है।
आतंकी संगठन तालिबान ने कतर में बैठक का दिया प्रस्ताव
अफगानिस्तान में 17 साल से जारी जंग को खत्म करने के लिए अमेरिका के विशेष राजदूत जालमे खलीलजाद और तालिबान के प्रतिनिधियों के बीच इस माह चौथी वार्ता होनी थी। अंतरराष्ट्रीय समूह इस वार्ता में अफगान सरकार को भी शामिल किए जाने का दबाव बना रहा था।
तालिबान ने हालांकि अफगान सरकार से बात करने से इन्कार कर दिया है। तालिबान के एक सदस्य ने कहा, पिछले महीने अबूधाबी में हुई वार्ता को बढ़ाने के लिए जनवरी में अमेरिकी अधिकारियों के साथ बैठक होनी थी। सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात इस दौरान हमें अफगान सरकार के प्रतिनिधियों से मिलाने की कोशिश में थे। इसी वजह से हमने सऊदी अरब की बैठक रद कर दी है।’
तालिबान के एक अन्य नेता का कहना है, ‘अफगान सरकार देश से अमेरिकी और विदेशी फौज को हटाना नहीं चाहती। हमने इसकी भारी कीमत चुकाई है। ऐसे में हम अफगान सरकार से क्यों बात करें?’
अमेरिका ने अभी इस घटनाक्रम पर कोई बयान नहीं दिया है। तालिबान अमेरिका को ही अफगानिस्तान में अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता है। वह पहले अफगानिस्तान से अमेरिकी फौज हटाने को लेकर समझौता करना चाहता है। हाल में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान से अपने सात हजार सैनिकों को वापस बुलाने का एलान किया था।