
वित्तीय संकट से जूझ रही निजी क्षेत्र की विमानन कंपनी के सिर्फ 26 विमान फिलहाल परिचालन में हैं और वर्तमान में वह अंतरर्राष्ट्रीय उड़ानों के सभी मानदंडों को पूरा करती है। यह बात नागर विमानन सचिव प्रदीप सिंह खरोला ने कही है।
बुधवार को खरोला ने कहा था कि जेट एयरवेज के 28 विमान परिचालन में हैं जिनमें से 15 विमान घरेलू रुट्स पर उड़ान भर रहे हैं। जेट एयरवेज जो कि गंभीर नकदी संकट से जूझ रही है के पास 119 विमानों का बेडा है। गुरुवार को खरोला ने बताया, “वर्तमान में 26 विमान परिचालन में हैं।” उन्होंने आगे कहा कि अंतरराष्ट्रीय परिचालन उसके विमानों की संख्या और सीटों की क्षमता पर निर्भर करता है और जेट एयरवेज फिलहाल इस मानक पर खरी उतरती है।
जेट एयरवेज ने मंगलवार को खुलासा किया कि यह पट्टे के किराये का भुगतान न करने के कारण 15 और विमानों को खड़ा कर दिया है। विमान पट्टे पर देने वाली कंपनियों का बकाया नहीं चुका पाने के कारण उसे धीरे-धीरे करके कई विमान खड़े करने पड़े हैं। 25 मार्च को जेट एयरवेज के निदेशक मंडल ने कर्ज समाधान योजना को मंजूरी दे दी थी। जिसके तहत ऋणदाता कंपनी का नियंत्रण अपने हाथों में लेंगे और उसमें 1,500 करोड़ रुपये की पूंजी डालेंगे।
सचिव ने बताया कि एयरलाइंस को अंतरराष्ट्रीय परिचालन के लिए 0/20 नियम का पालन करना होगा। लेकिन वर्तमान में जेट एयरवेज के बेड़े में 26 विमान हैं, ऐसे हैं 0/20 नियम को लेकर जेट एयरवेज की जांच का सवाल ही नहीं उठता है।