
पूरे भारत में पटाखों की ब्रिकी को बैन करने के लिए दायर याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से योजना देने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से बढ़ते प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए 15 मई तक हरित पटाखों में इस्तेमाल होने वाले रासायनिक पदार्थों के संबंध में योजना बनाने को कहा है। फिलहाल, दिल्ली में प्रदूषण के चलते पटाखों की ब्रिकी को बैन किया जा चुका है।
सुप्रीम कोर्ट इससे पहले मार्च में इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा था कि पूरे देश में पटाखों को बैन करने के लिए समान मापदंड लागू नहीं हो सकते। कोर्च ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि पटाखे ही प्रदूषण का एकमात्र कारण नहीं हैं। कार और ऑटोमोबाइल्स कहीं अधिक मात्रा में वातावरण को प्रदूषित करते हैं। वहीं, कोर्ट ने इसको लेकर रोजगार पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि हम श्रमिकों को भूखा नहीं छोड़ सकते हैं।
पटाखों पर पिछले साल दिवाली पर सुप्रीम कोर्ट ने पूरी तरह से बैन लगाने से मना कर दिया था। हालांकि, कोर्ट ने कुछ प्रतिबंध जरूर लगाए थे। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल अपने आदेश में कहा था कि पटाखों को केवल लाइसेंस पाए व्यवसायी ही बेच सकते हैं। मालूम हो कि वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए देशभर में पटाखों के उत्पादन और बिक्री पर रोक लगाने की मांग की गई थी।