
साल 2023 भारतीय शेयर बाजार के निवेशकों के लिए बेहद निराशानजनक और मायूस करने वाला रहा है. हर दिन बाजार में भारी गिरावट के चलते उनकी कमाई में सेंध लग रही है. आंकड़ों पर नजर डालें तो 2023 के ढाई महीने में भारतीय शेयर बाजार ( Indian Stock Market) के निवेशकों को 26.50 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है.
2022 के आखिरी कारोबारी दिन बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 282.44 लाख करोड़ रुपये था जो कि ढाई महीने में घटकर 255.90 लाख करोड़ रुपये रह गया है. यानि 2023 में इस अवधि में 26.54 लाख करोड़ रुपये मार्केट कैप में सेंध लग चुका है.
इतना ही नहीं बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप अब साढ़े आठ महीने पुराने लेवल के करीब जा पहुंचा है. 19 जुलाई 2022 को बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 256 लाख करोड़ रुपये था. जबकि 15 मार्च को मार्केट कैप 255.90 लाख करोड़ रुपये रह गया है. यानि 19 जुलाई के बाद निवेशकों ने जितनी कमाई की थी वो सब गवां दी है.
2023 भारतीय शेयर बाजार के लिए अब तक अच्छा नहीं रहा है. सबसे पहले हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट (Hindenberg Research Report) के अडानी समूह के शेयरों में शॉर्ट करने वाले रिपोर्ट के बाद भारतीय शेयर बाजार औंधे मुंह जा गिरा है. अडानी समूह के स्टॉक्स में 85 फीसदी तक गिरावट देखने को मिली थी. और अब अमेरिका से आ रहे बैंकिंग क्राइसिस की खबरों ने बाजार की मुश्किलें बढ़ा दी है. बीते पांच दिनों से सिलिकन वैली बैंक (SVB) और सिंग्नेचर बैंक ( Singnature Bank) के ठप्प पड़ने के चलते बाजार में चौतरफा बिकवाली देखी जा रही है. और इस गिरावट में निवेशकों को भारी नुकसान हो रहा है.
30 दिसंबर 2022 के बाद से लेकर नए साल 2023 में विदेशी और घरेलू निवेशकों की बिकवाली के चलते अब तक बीएसई सेंसेक्स में 3300 तो नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में 1133 अंकों की गिरावट आ चुकी है.