केन विलियमसन और अकिला धनंजया को इस मामले में पाया गया संदिग्ध, ICC लेगी फैसला

नई दिल्ली । Sri Lanka vs New Zealand Test Series: श्रीलंका और न्यूजीलैंड के बीच खेली जा रही टेस्ट सीरीज के पहले मैच में कीवी कप्तान केन विलियमसन और श्रीलंकाई गेंदबाज अकिला धनंजया को एक मामले में संदिग्ध पाया गया है। केन विलियमसन और अकिला धनंजया के बोलिंग एक्शन को मैच के अधिकारियों ने संदिग्ध पाया है और इसी रिपोर्ट इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल यानी आइसीसी को कर दी है।

14 अगस्त से 18 अगस्त के बीच गॉल में खेले गए पहले टेस्ट मैच में न्यूजीलैंड की टीम के कप्तान केन विलियमसन ने 3 ओवर और श्रीलंकाई स्पिनर अकिला धनंजया ने 62 ओवर गेंदबाज की थी। इसी दौरान मैच ऑफिशियल्स ने दोनों टीमों के मैनेजमेंट को इस बात की सूचना दे दी है कि इन दोनों खिलाड़ियों के गेंदबाजी एक्शन में संदेह है।

इसी के साथ केन विलियमसन और अकिला धनंजया 18 अगस्त से 14 दिन के लिए टेस्टिंग मोड में रहेंगे। जब तक इनके बोलिंग एक्शन के टेस्ट की रिपोर्ट नहीं आ जाती तब तक ये दोनों खिलाड़ी इंटरनेशनल क्रिकेट में गेंदबाजी कर सकते हैं। इससे पहले भी इन दोनों खिलाड़ियों के बोलिंग एक्शन को संदिग्ध पाया गया था।

गौरतलब है कि गॉल टेस्ट मैच में अकिला धनंजया ने श्रीलंकाई जीत में बड़ी भूमिका निभाई थी। अकिला धनंजया ने पहली पारी में 5 विकेट, जबकि दूसरी पारी में एक विकेट झटका था। हालांकि, पार्ट टाइम स्पिनर केन विलियमसन ने अपनी टीम के लिए सिर्फ तीन ओवर गेंदबाजी की थी, जिसमें कोई विकेट नहीं मिला था।

आपकी जानकारी के लिए बता दें, न्यूजीलैंड टीम के मौजूदा कप्तान केन विलियमसन अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत में भी गेंदबाजी से बैन हो गए थे। जुलाई 2014 में केन विलयमसन के गेंदबाजी एक्शन को अवैध पाया गया था। वहीं, अकिला धनंजया दिसंबर 2018 में गेंदबाजी एक्शन की वजह से बैन हुए थे।

  • Related Posts

    लालकिले से महानाट्य मंचन..विक्रमादित्य के पिता की भूमिका निभा चुके सीएम डॉ मोहन यादव!

    महेंद्र विश्वकर्मा तीन दिन मप्र के सीएम डॉ मोहन यादव और उनकी सरकार दिल्ली में डेरा डालेगी..अवसर भी खास और बेहद ऐतिहासिक है..दरअसल मध्यप्रदेश शासन और महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ देश…

    दुर्गेश केसवानी को साइबर क्राइम्स पर शोध के लिए मिली पीएचडी की डिग्री, स्वर्गीय पीता को की समर्पित

    भोपाल। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता और समाजसेवी दुर्गेश केसवानी को सोशल मीडिया के संदर्भ में साइबर अपराधों पर किए गए शोध के लिए रवींद्रनाथ टैगोर यूनिवर्सिटी द्वारा पीएचडी की डिग्री…